नई दिल्ली। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के साथ कई बदलाव हो चुके हैं, और कई बदलाव जल्द ही दिखाई पड़ेंगे. इसमें राष्ट्रगान से लेकर मुद्रा तक महारानी के नाम से चलने वाले प्रतीकों में बदलाव देखने को मिलेगा. बैंक नोट, सिक्कों, पोस्ट बॉक्स, डाक टिकटों पर पहले महारानी का चित्र होता था, जिसे बदलकर अब राजा चार्ल्स तृतीय की तस्वीर लगाई जाएगी. इस प्रक्रिया को पूरा होने में सालों लग सकते हैं.

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद सबसे पहला बदलाव राष्ट्रगान का हुआ है. बीते 70 सालों से गाए जा रहे राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द क्वीन’ फिर से ‘गॉड सेव द किंग’ में तब्दील हो गया है. इसके अलावा ब्रिटेन की मुद्राओं में महारानी एलिजाबेज द्वितीय की जगह किंग चार्ल्स तृतीय नजर आएंगे. वहीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद देश के 2,400 से ज्यादा शीर्ष वकीलों के आधिकारिक ‘टाइटल’ बदल गए हैं. इन वकीलों के नाम के आगे ‘क्वींस काउंसल’ लिखा जाता है, लेकिन पूर्व प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स तृतीय के किंग बनते ही सभी वकील ‘किंग्स काउंसल’ हो गए. यह सम्मान देने की व्यवस्था महारानी एलिजाबेथ प्रथम ने की थी.

राजा चार्ल्स को अब नहीं होगी पासपोर्ट की जरूरत

ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय को अब पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी और उनके नाम से ब्रिटेन के लोगों के पासपोर्ट जारी किये जाएंगे. राजा चार्ल्स को अब अपने व्यक्तिगत ध्वज का भी चयन करना होगा. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 1960 में अपना ध्वज चुना था, जिसमें स्वर्णिम अंग्रेजी के अक्षर ‘ई’ के साथ मुकुट और गुलाब आदि बने थे. वह राष्ट्रमंडल देशों में दौरे के दौरान इसका इस्तेमाल करती थीं. इसके अलावा जिस वाहन या भवन में महारानी होती थीं, उसके ऊपर उनका ध्वज होता था. महारानी के अलावा उनके ध्वज का उपयोग कोई और नहीं कर सकता था.

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