दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला डिंडोरी में सीनियर बालक छात्रावास का बुरा हाल है। गांव के जागरूक समाजसेवी ने छात्रावास का निरीक्षण किया तो खुलासा हुआ कि 50 बच्चों को दो कमरों में शिफ्ट कर दिया गया है। यह छात्रावास के अधीक्षक की मनमानी और व्यवस्थाओं की पोल खोलने का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
मामला जिले के मेहदवानी जनपद क्षेत्र की ग्राम पौड़ी का है, जहां संचालित सीनियर बालक छात्रावास बदहाल है। यहां रहने वाले बच्चे या तो बीमार है या अपने घर चले गए है। अधीक्षक की लापरवाही के चलते उन्हें छात्रावास में बेहतर सुविधा नहीं मिल रही है। शौचालय पानी विहीन गंदगी से बजबजा रही है, तो दो कमरों को छोड़ शेष कमरों को ठेकेदार के सुपुर्द कर दिया गया है।
इसी तरह से एक कमरा छात्रावास के चपरासी के लिए दिया गया है जिसमें उसके रिश्तेदार भी रहते है। यही नहीं छात्रावास के भीतर की बदहाल व्यवस्था को छोड़ अधीक्षक छात्रावास के आसपास बाउंड्री वॉल कराने में ठेकेदार का पूरा सहयोग कर रहे है। जिस पर गांव के जागरूक नागरिकों ने सवाल उठाते हुए उच्च अधिकारियों से जांच की मांग की है।
अधीक्षक ने बताया कि छात्रावास में भोपाल से आये अज्ञात ठेकेदारों के कर्मियों ने बिना अधीक्षक की इजाजत के सोलर सेट लगा दिया। वह भी बिना किसी लिखा पढ़ी के, जबकि इस छात्रावास में पानी की कोई बेहतर व्यवस्था ही नहीं है।
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