प्रदीप मालवीय/शब्बीर अहमद, उज्जैन/भोपाल। महाकाल कॉरिडर (Mahakal Corridor) के पहले चरण का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 11 अक्टूबर को करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) सोमवार को उज्जैन दौरे पर पहुंचे। मुख्य़मंत्री ने महाकाल कॉरिडर के तहत चल रहे विकास कार्यों की जानकारी ली। विकास कार्यों के निरीक्षण के बाद सीएम शिवराज ने बताया कि 25 सितंबर तक महाकाल कॉरिडोर के प्रथम चरण का काम पूरा हो जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी का 11 अक्टूबर को उज्जैन दौर कर कॉरिडर के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। यह देश का पहला सबसे बड़ा धार्मिक परिसर होगा जो पौराणिक सरोवर रूद्र सागर के किनारे विकसित हो रहा है।
महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण से पहले Lalluram. Com आपके लिए हुए विकास कार्यों की तस्वीर सामने लाई है। महाकाल कॉरिडोर की भव्यता देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। काम अंतिम चरण में हैं। काम पूरा होने के बाद भगवान महाकाल का परिसर पहले से बिल्कुल बदल जाएगा। इसकी भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कॉरिडोर पर करीब 750 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इनमें से 500 करोड़ की राशि लगभग खर्च हो चुकी है।
मंदिर परिसर में घूमने में लगेंगे 5 से 6 घंटे
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) का परिसर लगभग 2 हेक्टेयर फैला हुआ था। इसे बढ़ाकर अब 20 हेक्टेयर के आसपास कर दिया गया है। महाकालेश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार काफी बड़ा और भव्य बनाया गया है। प्रोजेक्ट के इंजीनियर विकास पटेल के मुताबिक मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगेगा।
25 फीट ऊंची एक दर्जन प्रतिमाएं स्थापित
महाकाल पथ पर विस्तारीकरण के काम में नीलकंठ महादेव, सती के शव के साथ शिव, त्रिवेणी प्लाजा पर शिव, शक्ति और श्रीकृष्ण की प्रतिमाएं, कैलाश पर शिव, यम संवार, गजासुर संहार, आदि योगी शिव, योगेश्वर अवतार, कैलाश पर रावण सहित अन्य 25 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई गई हैं। इनका रंग रोगन भी पूरा हो चुका है।
रात की रोशनी में महाकाल कॉरिडोर बेहद खूबसूरत दिखता है
रात की रोशनी में महाकाल कॉरिडोर बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है। महाकाल कॉरिडोर की ये खूबसूरती भक्तों को काफी आकर्षित कर रही है। शिव, शक्ति और अन्य धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां, म्यूरल्स के माध्यम से इसे सजाया गया है। श्रद्धालु शिव जी की अनसुनी कथाएं इनसे जानेंगे।
श्रद्धालुओं को आस्था के साथ मिलेगा ज्ञान
कॉरिडोर में सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव,108 स्तंभों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तंभ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं आकर्षित करेगी। रुद्रसागर में स्वच्छ जल इसके किनारे लेक फ्रंट कॉरिडोर में लाइट एंड साउंड, लेजर शो इसकी भव्यता के उदाहरण है। यहां देश का पहला नाइट गार्डन बनाया है। थीम यह है कि, यहां श्रद्धालुओं को आस्था के साथ ज्ञान भी मिले। नवंबर में पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस कॉरिडोर की शुभारंभ करने की संभावना है।
सौर ऊर्जा से 400 किलोवाट प्रति घंटा बिजली उत्पादन होगा
योजना के तहत त्रिवेणी संग्रहालय के पास 400 कार खड़ी करने की पार्किंग का निर्माण हो रहा है। 16.13 करोड़ रु. की लागत वाली पार्किंग में वाहन चालकों के लिए आराम कक्ष और श्रद्धालुओं के लिए सुविधा घर भी होंगे। खास बात यह है कि पार्किंग स्थल पर 400 किलोवाट प्रति घंटा क्षमता की सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जा रही है, जिससे संपूर्ण परिक्षेत्र की विद्युत मांग की 70 फीसद पूर्ति की जा सकेगी।
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