नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा की न्यूयार्क में चल रही बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नहीं होने के बाद भी उनकी चर्चा हो रही है. शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी के रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को दिए गए संदेश की चर्चा फ्रांस के इमैनुएल मैक्रों ने की, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रतिनिधि ने भी इस बयान की प्रशंसा की है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस सत्र में दुनियाभर के नेताओं ने एक के बाद एक हिस्सा ले रहे हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के शुरुआती सत्र में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है. यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है. यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें.

इसके साथ राष्ट्रपति मेक्रों ने संयुक्त राष्ट्र के स्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी की वकालत करते हुए कहा कि इसीलिए उत्तर और दक्षिण के बीच नए समझौतों की सख्त जरूरत है. एक ऐसा समझौता, जो खाद्यान्न, शिक्षा और जैव विविधता के क्षेत्र में हो. यह सोच को सीमित करने का नहीं, बल्कि साझा हितों के लिए खास कार्रवाई करने के वास्ते गठबंधन बनाने का है.

अमेरिका ने की मोदी की तारीफ

वहीं अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान मोदी के संदेश को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह सही और न्यायपूर्ण है. उनकी ओर से सिद्धांतों के आधार पर दिया गया बयान है. इसका बहुत स्वागत किया गया. उन्होंने कहा कि यह युद्ध समाप्त होना चाहिए. यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल शर्तों का उल्लंघन है. यूक्रेन को उन क्षेत्रों को वापस करना चाहिए है, जिन्हें रूस ने बलपूर्वक जब्त कर लिया था.

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