रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश गागड़ा ने प्रेसवार्ता कर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम ब्लॉक कांग्रेस का पदाधिकारी (महामंत्री) तेलंगाना में दो महिला व दो पुरुष नक्सलियों के साथ पकड़ा गया है. नक्सली आज कांग्रेस की बी टीम की तरह काम कर रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है. नक्सलियों से कांग्रेस के संबंध के आरोपों पर कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया है.

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, भाजपा और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा को सवाल करने का अधिकार नहीं है. झीरम नक्सलकांड पर पहले जवाब उन्हें देना चाहिए. उन्होंने कहा, कांग्रेस के 31 नेताओं की हत्या का दाग भाजपा सरकार पर है. भाजपा नेताओं के नक्सलियों से संबंध उजागर होते रहे हैं. कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता अगर किसी अपराध में शामिल है, तो कार्रवाई होगी.

प्रेसवार्ता में भाजपा नेता महेश गागड़ा ने कहा, इससे पहले भी नक्सलियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ में किसानों को उकसाते हुए पत्र जारी किया था. उसकी भाषा देख लें और कांग्रेस का एजेंडा देख लें, आपको कोई फर्क नहीं लगेगा. ऐसा लगेगा मानो कांग्रेस सरकार से जुड़े लोगों ने पत्र ड्राफ्ट करके नक्सलियों को दिया हो और नक्सलियों ने उसे अपने लेटर पैड पर जारी कर दिया हो.

उन्होंने कहा, कांग्रेस और उसकी सरकार में सक्रिय सहयोग के ये दो-चार उदाहरण ही नहीं है. ऐसे तमाम मामले आपको दिखेंगे. नक्सली खुलेआम बारह किलोमीटर लंबी रैली निकाल लें और सरकार को पता ही नहीं चले, ऐसा कैसे हो सकता है? नक्सलियों और कांग्रेस की साठगांठ पर केंद्र अलग से जांच करे, इसकी भी हम मांग करते हैं. इसके लिए हमारे प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव गृह मंत्रालय को पत्र लिख रहे हैं.

भाजपा नेता महेश गागड़ा ने कहा, जिस नक्सल आतंक का जन्म ही किसानों के खिलाफ हुआ था. किसान परिवार से ही आने वाले हमारे जवानों-सुरक्षा बलों को जो नक्सली नृशंसता से हत्या करते हैं, अनेक ग्रामीणों को भी बर्बरता से मार चुके हैं, यहां तक छत्तीसगढ़ के कई नेता भी नक्सलियों द्वारा मारे गए हैं. ऐसे में कांग्रेस के पदाधिकारियों द्वारा इलाज के लिए नक्सलियों को तेलंगाना ले जाना एक अति चिंतनीय विषय है. छत्तीसगढ़ के आम लोगों की सुरक्षा के साथ एक बड़ा समझौता किया गया है.

भाजपा नेता महेश गागड़ा ने कहा, इससे पहले भी कांग्रेस और नक्सलियों की साठगांठ के दर्जनों साक्ष्य सामने आते रहे हैं. झीरम मामले में तो खुद राहुल गांधी ने नक्सलियों को क्लीन चिट दे दी थी. इसके अलावा बात चाहे दिग्विजय सिंह, राज बब्बर समेत दर्जनों कांग्रेसी नेताओं के नक्सलियों के पक्ष में समय समय पर बयान देने की हो, या फिर किसी अन्य प्रदेश में नक्सलियों की गिरफ्तारी पर खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री द्वारा उनके बचाव में बयान देने की, कांग्रेस इनका हमेशा सहयोग करती रही है. कांग्रेस हमेशा राजनीतिक समर्थन देकर नक्सलियों के विरुद्ध लड़ाई को कमजोर करती रही है.

विगत दिनों नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में शहीदी सप्ताह मनाया. इस दौरान 12000 लोगों के साथ नक्सलियों ने नाचते गाते 8 से 10 किलोमीटर लंबी रैली निकाली. 65 फिट का छह मंजिल बिल्डिंग से ऊंचा स्मारक बनवाया. रैली में 50 लाख से लेकर एक करोड़ तक के इनामी शीर्षस्थ नक्सली नेता शामिल थे. बताते हैं कि विगत 8 माह से इसकी तैयारी हो रही थी. इस विषय में सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया. न ही कोई कार्रवाई हुई है. मुख्यमंत्री जरा अपने सलाहकारों से पूछ कर बताएं कि इस आयोजन के पीछे कौन है और इतने बड़े आयोजन के खिलाफ सरकार ने क्या कारवाई की? अगर कोई कारवाई नहीं की तो क्यों नहीं की?

प्रेसवार्ता में भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश प्रवक्ता दीपक मस्के, अमित साहू व अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम मौजूद रहे.

भाजपा नेता महेश गागड़ा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से किए ये सवाल

  1. कांग्रेस और नक्सलियों के बीच का रिश्ता क्या है?
  2. क्या झीरम घाटी हत्याकांड मामले को भी कांग्रेस नक्सलियों से संबंध की वजह से दबा रही है?
  3. कितने नक्सलियों को कांग्रेस की सदस्यता दी है?
  4. नक्सलियों के साथ पकड़े गए कांग्रेस नेता छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं पकड़ा गया?
  5. इतने संवेदनशील विषय पर मुख्यमंत्री ने अभी तक किसी प्रकार की जांच की घोषणा क्यों नहीं की?

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