समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया. मेदांता अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में उनका इलाज चल रहा था. 82 साल के मुलायम यूरिन इन्फेक्शन के चलते 26 सितंबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल पर मुलायम सिंह के निधन की जानकारी दी.

यूपी की राजनीति में  मुलायम सिंह यादव का परिवार सबसे बड़ा है. उनके परिवार के करीब 25 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि मुलायम के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें.

संघर्षों से भरी रही ‘धरती पुत्र’ की जिंदगी

यूपी के इटावा जिले में स्थित सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को मुलायम सिंह यादव का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था. मुलायम सिंह यादव राजनीति में आने से पहले शिक्षक थे. जो मैनपुरी स्थित जैन इंटर कॉलेज करहल में प्राध्यापक के पद पर भी कार्यरत थे. एक साधारण परिवार में जन्मे मुलायम सिंह की शुरुआती जिंदगी मुश्किलों से भरी थी पर चुनौतियों से निपटना उन्हें अच्छी तरह आता था और इस बात को उन्होंने आगे साबित करके दिखाया. वो मूलतः एक शिक्षक थे लेकिन शिक्षण कार्य छोड़कर वो राजनीति में आये और आगे चलकर समाजवादी पार्टी बनाई.

मुलायम सिंह यादव के बाबा का नाम मेवाराम था. मेवाराम के दो बेटे थे. सुघर सिंह और बच्चीलाल सिंह. सुघर सिंह के पांच बेटे हुए. इनमें मुलायम सिंह यादव, रतन सिंह, राजपाल सिंह यादव, अभय राम सिंह और शिवपाल सिंह यादव. भाइयों में मुलायम सिंह तीसरे नंबर और शिवपाल सिंह सबसे छोटे हैं.

राजनीतिक सफर की शुरुआत

मुलायम सिंह यादव 1967 में 28 वर्ष की अल्पायु में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए और वर्ष 1977 में पहली बार राज्य मंत्री बनाए गए. साल 1980 में वे यूपी में लोक दल के अध्यक्ष भी रहे हैं.

तीन बार UP के मुख्यमंत्री और सात बार सांसद रहे
जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की. मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने, जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था. 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. बाद में वे दो बार और प्रदेश के CM रहे. उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली. नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए.

विधानसभा से लोकसभा का सफर

मुलायम सिंह यादव ने एक बार देश के रक्षामंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी. साल 1996 में मुलायम सिंह यादव इटावा के मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने और उन्हें केंद्रीय रक्षामंत्री निर्वाचित किया गया था. 1998 में मुलायम की सरकार गिर गई. हालांकि, 1999 में उन्होंने संभल निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की और वे फिर से लोकसभा पहुंचे.