संदीप ठाकुर। मुंगेली के लोरमी थाना क्षेत्र में बीते 4 दिसंबर को हुए भारतसागर बांध के पास मारपीट मामले में पीड़ित ने अब दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है, जिसको लेकर मारपीट करने वाले लोरमी के तत्कालीन थाना प्रभारी उप निरीक्षक प्रमोद डड़सेना सहित दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ तीन दिवस के भीतर अगर अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के साथ विभागीय कार्रवाई नहीं की गई तो तीन दिन के बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने अपनी पत्नी और 6 माह के बच्चे के साथ आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है.

वहीं इसको लेकर मारपीट के पीड़ित जुआरी ने मुंगेली पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इसकी लिखित शिकायत भी की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि मुझे कुछ भी होता है, तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी जिले के पुलिस विभाग के अधिकारी की होगी.

वहीं पुलिसकर्मियों के मारपीट से त्रस्त पीड़ित व्यक्ति मुकेश जायसवाल ने आमरण अनशन करने की चेतावनी देते हुए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है. उनका आरोप है कि दिनांक 4.10.2022 यानी 11 दिन पहले भारतसागर बांध के पास लोरमी का तत्कालीन थाना प्रभारी उप निरीक्षक प्रमोद डड़सेना ने अपने स्टाफ से मेरे दोनों हाथों को ऊपर उठवाकर गंदी गंदी गालियां देते हुए डंडे से बेरहमी से पीटा.

पीड़ित ने बताया कि थाने में लाकर मुझे मारा गया था, जिसकी लिखित शिकायत मेरे द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिनांक 6.10.2022 एवं दिनांक 7.10. 2022 को की, जिसके बाद घटना को आज 11 दिन बीतने को है, लेकिन ना ही मेरा डॉक्टरी मुलाहिजा कराया गया है, ना ही मारपीट के दोषी उप निरीक्षक प्रमोद डड़सेना एवं अन्य दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई की गई है. मैं न्याय के लिए दर-दर भटक रहा हूं.

क्या है पूरा मामला..

बता दें 11 दिन पहले लोरमी थाना क्षेत्र के भारतसागर बांध के पास 8 जुआरियों को लोरमी थाना के पुलिस स्टाफ के द्वारा जुआ खेलते पकड़ा गया था, जिनके खिलाफ जुआ एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है. इस दौरान एक आरोपी मुकेश जायसवाल जो लोरमी का रहने वाला है. उनके साथ तत्कालीन थाना प्रभारी प्रमोद डड़सेना समेत दो अन्य स्टाफ के द्वारा बेरहमी से मारपीट की गई थी.

इस पूरे मामले की लिखित शिकायत बिलासपुर संभाग के आईजी समेत एसपी को करने के बाद बिलासपुर के आईजी रतनलाल डांगी के निर्देश पर मुंगेली जिले के पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह के द्वारा उप निरीक्षक प्रमोद डड़सेना को लोरमी थाने से सरगांव थाना तबादला कर दिया गया है.

वहीं तबादला के बाद भी मारपीट के पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक के इस कार्रवाई को भेदभाव पूर्ण कार्रवाई बताया है. उन्होंने मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए. अगर 3 दिनों के भीतर अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं करते हुए विभागीय कार्रवाई नहीं की गई तो अपनी पत्नी और छह माह के बच्चे के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने आमरण अनशन में बैठने की चेतावनी दी है. वहीं अनशन के दौरान किसी भी तरह कुछ होने की स्थिति में इसकी जवाबदारी जिले के पुलिस अधिकारी का होना बताया है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus