धर्मेद्र यादव, सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर में एक दलित किसान की लगभग साढ़े चार एकड़ जमीन पार्वती नदी पर बनाए जा रहे बांध के डूब क्षेत्र में आ गई है। लेकिन उसे सिर्फ 300 डिसमिल का मुआवजा दिया जा रहा है। जिससे लाचार किसान परेशान है। तनाव में है।

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दरअसल, राजगढ़ और सीहोर जिले की सीमा पर पार्वती बांध का निर्माण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है। सीहोर के श्यामपुर क्षेत्र के कई किसानों की जमीन बांध के डूब क्षेत्र में आई है। ग्राम हिंगोनी के दलित विकलांग किसान परसराम अहिरवार की भी साढे़ चार एकड़ जमीन डूब क्षेत्र में आ गई है। किसान का कहना है कि उसकी जमीन से लगी हुई अन्य जमीनें जो डूब क्षेत्र में आ रही हैं उन्हें मुआवजा सूची में रखी गई है और जमीन के मालिकों को मुआवजा भी वितरित कर दिया गया है। लेकिन उसका नाम मुआवजा सूची में नहीं है।

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दलित किसान परसराम का सीधा आरोप है कि राजस्व विभाग उसके साथ भेदभाव कर रहा है। पार्वती नदी किनारे उसकी साढे़ चार एकड़ जमीन है। उसी जमीन से उसके परिवार का भरण-पोषण होता था। अन्य कोई आय साधन भी नहीं है। पूरा परिवार ही जमीन पर निर्भर था। डूब क्षेत्र में जमीन जाने से परिवार बेरोजगार हो गया है। वहीं दूसरी ओर मुआवजा भी नहीं मिल रहा है।

किसान का आरोप है राजस्व विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि 300 डेसमिल का मुआवजा रख लो, इससे ज्यादा का नहीं मिलेगा। राजस्व विभाग मेरे साथ भेदभाव कर रहा है। जबकि अन्य किसानों को डूब जमीनों का पूरा पूरा मुआवजा मिला है।

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