प्रतीक मिश्र,विन्द्रानवागढ़ (गरियाबंद). एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार जहां प्रदेश के 100 प्रतिशत भागों तक बिजली पंहुचाने की बात कहती है. वहीं गरियाबंद के बोईरगांव के लोगों को गाँव में बिजली लाने के लिए कड़ी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश के मुखिया छत्तीसगढ़ के सभी कोने तक बिजली पंहुच जाने की बात कहते हैं. लेकिन उनकी ये बात को बोईरगाँव के लोग झुठलाने में जुटे हुए हैं. गांव से 100 से ज्यादा लोग बोईरगांव में बिजली लाने के लिए शुक्रवार की सुबह बोईरगाँव से रायपुर सीएम हाउस तक का सफ़र पैदल करने निकले हैं. इस दौरान ये लोग शनिवार को विन्द्रानवागढ़ पहुंचे.

यह पूरा मामला गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड स्थित एक छोटे से ग्राम पंचायत बोईरगांव का है. जो रायपुर जिला मुख्यालय से करीब 150 किमी. की दूरी पर स्थित है. गांव के लोगों के मुताबिक़ पिछले कई दशकों से वे लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. कई बार अधिकारियों और शासन के लोगों को उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत कराया है. बावजूद इसके इन गांव वालों की समस्या का समाधान नहीं किया गया.

ग्रामीणों का कहना है कि ये लोग सालों से शासन के समक्ष अपनी मांगे रख रहे हैं. जिनमें गांव में बिजली, सड़क, स्कूल जैसी मांगे प्रमुख है. ग्रामीणों ने बताया कि मई 2016 में मुख्यमंत्री रमन सिंह लोकसुराज कार्यक्रम के दौरान इनके गांव पंहुचे थे. जहां इन गांव वालों ने प्रमुखता से मुख्यमंत्री के समक्ष गांव में बिजली लाने का ज्ञापन सौंपा था. ग्रामीणों कहना है कि तब मुख्यमंत्री ने 6 माह के भीतर गांव में बिजली लाने का वायदा भी किया था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री का वादा पूरा नहीं हो सका है. जिसके बाद अब ये लोग अपनी इन्हीं मांगो को लेकर गरियाबंद स्थित बोईरगाँव से रायपुर सीएम हाउस के लिए पैदल ही निकल गये है.