रामेश्वर मरकाम, धमतरी. जिले के वनांचल इलाके में इन दिनों चर्म रोग का कहर देखने को मिल रहा है. यहा के ज्यादातर लोगों को शरीर पर बड़े बड़े लाल रंग के दाग हो गये है. इस बिमारी के वजह से यहां मछली मारकर जीवकोपार्जन करने वाले मछुवारें सहित चर्मरोग से थर्रा उठे है.
मामला वनांचल इलाके भुरसीडोंगरी पंचायत के आश्रित गांव देवखुंट का है. जहां बीते दो महीनों से ग्रामीण चर्मरोग बीमारी से खासे हालाकान है. यहां कुछ मकान को छोड़कर कई ऐसे परिवार है जहां सभी सदस्यों को चर्मरोग जैसी बीमारी हो गई है. जिसके वजह से लोगों का घर से निकलना बंद सा हो गया है.
बताया जा रहा है कि जिन लोगों को ये रोग हुआ है उनमे ज्यादातर मछुवारे है. जो बांध सहित तालाबों में मछली मारने का काम करते है. जिसके वजह से ये कयास लगाए जा रहे है कि दूषित पानी से यह संक्रमण फैली है. पहले एक और दो लोगों को यह बिमारी हुई. फिर धीरे धीरे गांव के दूसरे लोगों को इस बिमारी ने अपनी चपेट में लिया. नतीजन आज हर परिवार के एक दो सदस्य इस बिमारी से ग्रसित है. वही रोग फैलने से घबराएं मछुवारे आनन फानन में अपना इलाज स्थानीय स्तर पर करा रहे थे. लेकिन हालात जस के तस बने रहे है.
इसी बीच गांव में फेली इस बिमारी के बारे में स्वास्थ्य विभाग को भी सूचित किया गया. जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे ने गांव में अस्थाई शिविर लगा लोगों का इलाज शुरू कर दिया है. धमतरी सीएचएमओ डीएम कुर्रे ने बताया कि ये बिमारी पानी और कीचड़ में रहने से फैली है और अब तक 5 मरीजों का इलाज किया जा चुका है और अब हालात काबू पा लिया गया है.