रायपुर. देवी लक्ष्मी की पूजा में कमल के फूल का खास महत्व है. दीपावली की रात धन में वृद्धि और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, इसके लिए भक्त कमल के फूलों से पूजा करते हैं. पुराणों में देवी लक्ष्मी का एक नाम कमला और कमलासना है, यानी जो कमल के फूल पर विराजमान रहती हैं.

पुराणों में लक्ष्मी के 1008 नामों में अधिकतर कमल पर आधारित हैं. वहीं हिंदू धर्म में अष्टदल कमल को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह साक्षात महालक्ष्मी का प्रतीक है. अष्टदल कमल होता है वहां सुख, संपन्नता, पैसा, वैभव, संपत्ति स्वत: खिंची चली आती है. अष्टदल कमल देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है.

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ग्रंथों में मिलता है वर्णन
विष्णु पुराण में स्वयं मां लक्ष्मी ने कहा है कि इस कमल में मैं स्वयं अपने जीवंत स्वरूप में विद्यमान हूं. महालक्ष्मी से जुड़े जितने भी यंत्र प्राप्त होते हैं उनका मूल आधार अष्टदल कमल ही है. इसकी पूजा करने से श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र के लाखों पाठ करने के समान फल मिलता है. तांत्रिक ग्रंथों के अनुसार अष्टदल कमल में मां लक्ष्मी अपने आठ स्वरूपों में विराजमान रहती है.

ऐसे मिलेगा अष्टदल कमल से धन
सबसे अच्छा अष्टदल कमल सोना, चांदी, अष्टधातु और स्फटिक का माना गया है. अष्टदल कमल को अपने घर, दुकान या व्यापारिक प्रतिष्ठान में ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखा जाता है. यह देव स्थान होता है इसलिए यहां अष्टदल कमल रखने से इसका पूर्ण शुभ प्रभाव प्राप्त होता है. वैसे तो अष्टदल कमल अपने आप में लक्ष्मी का स्वरूप है, लेकिन इस पर यदि मां लक्ष्मी की प्रतिमा रखकर पूजा करेंगे तो अधिक लाभदायक होता है.

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किसी रचनात्मक डिजाइन के रूप में घर की उत्तर, पूर्वी या उत्तर-पूर्वी दीवार पर दीवार पर लगा सकते है. अष्टदल कमल जहां लगा होता है वहां अत्यधिक मात्रा में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. यह घर से सारी नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल फेंकता है.

धन-संपत्ति, वैभव, भौतिक सुख-सुविधाएं पाना चाहते हैं वे स्फटिक के अष्टदल कमल को एक कांच के पात्र में रखकर ईशान कोण में रखें. इसमें एक गुलाब का फूल डालें. प्रतिदिन पानी और गुलाब का फूल बदलते रहें.

कमल का फूल ऐश्वर्य तथा सुख का सूचक
कमल के फूल की विशेषता यह भी है कि वह स्वयं कीचड़ में उत्पन्न होता है मगर इसके बावजूद कीचड़ से पवित्र रहता है. इसी प्रकार मां लक्ष्मी को कमल अर्पित करने वाले भक्त भी संसार में व्याप्त बुराई के बीच रहकर भी निर्मल बुद्धि के बने रहकर जीवन यापन करते हैं. कमल का फूल ऐश्वर्य तथा सुख का सूचक भी है इसीलिए कमल को पुष्पराज की संज्ञा भी दी गई है.