क्या हम पैरों की सेहत पर ध्यान देते हैं? जवाब है- नहीं. शरीर की बेहतर सेहत के लिए सभी अंगों को फिट रखने पर ध्यान देने की जरूरत होती है, पैर उसमें बहुत महत्वपूर्ण हैं. पैरों पर हमेशा शरीर का पूरा भार होता है जिससे पैरों की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. यही कारण है कि पैरों की सेहत पर ध्यान न देने के कारण गठिया और मांसपेशियों से संबंधित कई तरह की अन्य समस्याएं काफी तेजी से बढ़ती जा रही हैं.

हालांकि बेहतर बात यह है कि योगासनों के नियमित अभ्यास की आदत बनाकर आप शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ पैरों को भी स्वस्थ और फिट बनाए रख सकते हैं. उत्कटासन योग का नियमित अभ्यास पैरों को स्वस्थ और फिट बनाए रखने में लाभकारी होता है. Read More – T20 World Cup 2022 : आज आयरलैंड से भिड़ेगी ऑस्ट्रेलिया, जानिए कैसा रहेगा मौसम…

ऐसे करें उत्कटासन योग

उत्कटासन योग के अभ्यास लिए आपको विशेष एकाग्रता और संतुलन की आवश्यकता होती है. इस अभ्यास को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं. हाथों को सामने की ओर फैलाते हुए घुटनों को मोड़ें और काल्पनिक कुर्सी पर बैठने की स्थिति बनाएं हैं. हाथों को जमीन के समानांतर रखें. लंबी सांस लेते रहें और जितनी देर तक हो सके इसी आसन में बने रहने की कोशिश करें. इसके बाद फिर पूर्ववत स्थिति में आकर शरीर को आराम दिला सकते हैं.

उत्कटासन योग के लाभ

  • उत्कटासन योग को पैरों-रीढ़ और कई अन्य बड़ी मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में फायदेमंद माना जाता है. रीढ़ की हड्डी एवं छाती की मांसपेशियों का यह अच्छा व्यायाम है.
  • टखनों, जांघों, पिंडलियों और रीढ़ को मजबूत बनाता है.
  • कंधों और छाती की बेहतर स्ट्रेचिंग में सहायक अभ्यास है.
  • पेट के अंगों और डायाफ्राम को उत्तेजित करने और स्वस्थ रखने में मदद करता है.
  • हृदय गति को बढ़ाने, संचार और मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करने में लाभकारी है.
  • तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने और पैरों को टोन करने के साथ और सहनशक्ति को बढ़ावा देने में इस योग के अभ्यास को फायदेमंद माना जाता है. Read More – Train Cancelled : रेलवे ने आज 87 ट्रेनों को किया रद्द, कहीं आपकी ट्रेन भी इसमें शामिल तो नहीं, ऐसे करें चेक…

उत्कटासन योग की सावधानियां

कुछ स्थितियों में विशेषज्ञ इस योग के अभ्यास को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. यदि आपको क्रोनिक घुटने का दर्द, गठिया, टखने में मोच जैसी दिक्कत है, तो इस योग मुद्रा का अभ्यास नहीं करना चाहिए. विशेष ध्यान रखें और मासिक धर्म के दौरान या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने पर इस योग मुद्रा को करने से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.