अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की बेटियों को बड़ी सौगात दी है। सीएम शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के उत्सव पर लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 का शुभारंभ किया। भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 1437 बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए पहली किश्त 12 हजार 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि का वितरण किया।
इस अवसर पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि भगवान ने सभी को बनाते वक्त कोई भेदभाव नहीं किया, इसलिए मैं कहता हूं कि माता पिता भी भेदभाव ना करें। भगवान को याद करने से पहले स्त्री का नाम लिया जाता है। गौरी-शंकर, सीता-राम, राधा-कृष्णा, इन देवियों ने बुराई का अंत किया। दुर्गा माता शक्ति की देवी और सरस्वती शिक्षा की शक्ति है, लेकिन हमारा समाज हजारों साल की गुलामी के कारण यह भूल गया। हमारे विचार बदल गए। मां खुद बेईमानी करती थी, बेटों को शुद्ध दूध पिलाती थी और बेटियों को पढ़ाई भी नहीं करने देती थी।
उन्होंने कहा कि इस भेदभाव के लिए मैं बचपन में कुछ नहीं कर पाया। एक जगह भाषण में मैंने बोल दिया कि बेटी को आने दो, बेटी है तो कल है। एक बूढ़ी अम्मा कहने लगी की बेटी बढ़ी होगी तो दहेज कौन देगा। जब तक बेटी को बोझ समझा जाएगा, समाज ऐसी ही बातें करेगा। सीएम शिवराज ने कहा कि उस वक्त मैं विधायक था। तब मेरे मन में एक विचार आया, क्यों ना बेटी लखपति ही पैदा हो। हमने एक बेटी की शादी का निर्णय लिया। जब बैंड बाजे के साथ बारात पहुंची तो लोग अचंभित रह गए। उस समय एक शादी करके बहुत आनंद आया, मुझे लगा पवित्र काम करना ही चाहिए। इसके बाद भगवान की कृपा और बेटियों के आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बना।
मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि जब मैं सांसद था तब सांसद के भत्ते बचाकर और कुछ दोस्तों के सहयोग से बेटियों की शादी करता था। मेरे दिमाग में सबसे पहले यही बात आई कि अब मैं सीएम बना हूं तो बेटियों को लखपति बनाना है। इसके बाद हमने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत की। मैंने बेटियों को लखपति बनाने की योजना के लिए एक बैठक बुलाई, लेकिन सबने इसका विरोध किया और कहा कि खजाना खाली हो जाएगा। मैंने कहा बेटे का मोह छोड़ो, बेटियां ही देवी है।
उन्होंने आगे कहा कि बेटियों का भला करने में अपनी जिंदगी की सफलता मानता हूं। बेटियां मेरी दिल में बस्ती हैं। आज का दिन बेहद खास है, लाडली लक्ष्मी योजना 2.0 लॉन्च किया है। कितनी भी फीस हो मामा सब भरवाएगा। बेटियां हमारी श्रद्धा और भक्ति है। हम संस्कारों के साथ आगे बढ़े और छोटी बुराइयों से दूर रहने की कोशिश करनी है। बेटियों का तीन तरह का सशक्तिकरण पहला शैक्षणिक, दूसरा सामाजिक, तीसरा आर्थिक तय किया है। बेटियों के लिए पुलिस में 30 प्रतिशत भर्ती की जाएगी। पूरे प्रदेश में लाडली लड़कियां योगदान देंगी और आगे बढ़ेंगी।
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