सुरेंद्र जैन, धरसीवां, रायपुर। आज की तारीख में सोशल साइट्स और स्मार्ट फोन जिंदगी का अहम हिस्सा बन गए हैं. कई बार इसके कारण कई मुश्किलें भी खड़ी हो जाती हैं. लेकिन आज हम आपको वो कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें सोशल साइट्स ने एक बिछड़ी हुई मां को अपने बेटे से मिला दिया. स्मार्ट फोन के सदुपयोग की ये एक मिसाल है.
दरअसल शनिवार को एक बूढ़ी महिला की फोटो व्हाट्सएप के जरिए वायरल हुई. फोटो के साथ लिखा था कि ये बूढ़ी महिला अपना गांव सांकरा धनेली बता रही है. वहीं बेटे का नाम कौशल मानिकपुरी बता रही है. वृद्धा पिरदा तालाब के किनारे बैठी थी. जैसे ही ये मैसेज व्हाट्सएप पर वायरल हुआ, वैसे ही एक-दूसरे के जरिए सांकरा निवासी भानू साहू तक पहुंचा. मैसेज में 21 अप्रैल की तारीख भी लिखी थी. भानू तुरंत पहचान गए कि ये वृद्धा गांव के कोतवाल कौशल मानिकपुरी की मां हैं. फिर क्या था मां की खोज में भटक रहे उनके बेटे कौशल को भानू ने ये जानकारी दी.
कौशल मानिकपुरी तुरंत अपनी मां को लेने के लिए पिरदा के तालाब किनारे पहुंचे और वहां मां को बैठा देख उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक आए. वे तुरंत मां को घर ले आए. लल्लूराम डॉट कॉम ने जब परिजनों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वृद्धा मन्थिरा मानिकपुरी अचानक पांच दिन पहले लापता हो गई थी. उनकी खोज में उनका पुत्र कौशल पांच दिनों से गांव-गांव जाकर रिश्तेदारों के यहां उन्हें ढूंढ रहा था. लेकिन मां का कोई पता नहीं चल पा रहा था. पुलिस में वे खबर करने के लिए जा ही रहे थे कि व्हाट्सएप के जरिए उनकी मां का पता चला.
इस घटना ने सोशल मीडिया की जरूरत को एक बार फिर उजागर कर दिया कि अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो ये वरदान है और लोगों की जिंदगियों को संवार सकती है.