नेहा केशरवानी, रायपुर. भानुप्रतापुर उपचुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य शासन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के 4 साल के कुशासन का करारा जवाब दिया जाएगा. समाज के सभी वर्गों में व्याप्त आक्रोश भानुप्रतापुर चुनाव में सामने आएगा. उन्होंने कहा कि जनता इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को हराएगी. पार्टी ने सरल सहज प्रत्याशी को टिकट दिया है, इसका नतीजा अच्छा आएगा.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने भी भानुप्रतापुर उपचुनाव में बीजेपी की जीत का दावा किया है. बता दें कि भानुप्रतापुर चुनाव के लिए भरतीय जनता पार्टी केंद्रीय समिति ने पूर्व विधायक ब्रम्हानंद नेताम को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. अरुण साव ने कहा कि बीजेपी पूरी गंभीरता से उपचुनाव लड़ेगी. जनता का आशीर्वाद बीजेपी को जरूर प्राप्त होगा. हमारे प्रत्याशी भारी मत से चुनाव जीतेंगे.
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RSS प्रमुख मोहन भागवत के छत्तीसगढ़ दौरे पर कांग्रेस के दिए बयान को लेकर रमन सिंह ने कहा कि संघ को राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं होता. बल्कि ये भारत की अखंडता, एकता, धर्मांतरण जहां हिंदू धर्म विवादित हो रहा, टूट रहा, ऐसे मूल विषयों को जोड़ने का काम करते हैं. जैसे कांग्रेस तोड़ती है, फिर उसे जोड़ने का काम संघ करता है. उनके आने से समाज को नई दिशा मिली है. जिन लोगों ने धर्म को बचाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया ऐसे लोगों को याद करके मोहन भागवत आए हैं. उनका महत्व 4 गुना बढ़ गया.
सरकार द्वारा आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाए जाने पर रमन ने कहा कि चुनाव को देखते हुए विशेष सत्र की तारीख तय की है. ताकि जनता को लगे की सरकार गम्भीर है. लेकिन इन्हें न्यायालय में जाना चाहिए, अच्छा वकील खड़ा करना चाहिए. विधानसभा ने एक बार सर्वसम्मति से पारित कर दिया है. इनको सुप्रीम कोर्ट में जाकर अपनी बात रखनी चाहिए. जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए.
धर्मांतरण मामलें में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर पूर्व सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी देश की भावनाओं की अभिव्यक्ति है. बलपूर्वक धर्मांतरण हो, छल के द्वारा धर्मांतरण हो, धर्मांतरण हो जाने के बाद आरक्षण का मूलभाव उनकी जाति, समाज, जीवन शैली में परिवर्तन नहीं आना चाहिए औज जब सब परिवर्तन आ ही गया, धर्मांतरण कर ही लिया तो फिर उसका कोई औचित्य नहीं. मैं सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का पक्षधर हूं कि एक बार धर्म बदल लिया तो उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.
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