रायपुर. शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए राज्य सरकार ने नई पहल की है. बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुघ्घर पढ़वईया योजना शुरू करने की घोषणा की थी. इस योजना के अंतर्गत बच्चों में कौशल विकसित करने पर उत्कृष्ट विद्यालयों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार दिया जाएगा. जिसमें प्लेटिनम, गोल्ड और सिल्वर का तमगा शामिल होगा.
समग्र शिक्षा के सहायक संचालक एम. सुधीश ने बताया कि योजना का उद्देश्य स्वप्रेरणा से अच्छे कार्य और बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करना है. ये योजना राज्य के सभी शासकीय प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों के लिए है. स्कूल के शिक्षक आपस में राय करके कभी भी योजना में शामिल हो सकते हैं.
ऐसे हो सकते हैं योजना में शामिल
योजना में शामिल होने के लिए स्कूल को वेब-पोर्टल पर आवेदन करना होगा. स्कूलों की प्रतिस्पर्धा एक दूसरे से नहीं बल्कि स्वयं से ही है. स्कूलों के सभी शिक्षकों को साथ मिलकर स्कूल के सभी विद्यार्थियों में अकादमिक कौशल (academic skills) विकसित करना है. प्रमाण पत्र के लिए पात्रता तभी होगी जब पूरा स्कूल प्रमाण पत्र के लिए योग्य होगा. किसी एक शिक्षक, एक विद्यार्थी या एक कक्षा के लिए प्रमाण पत्र नहीं होगा. जिन स्कूलों को प्रमाण पत्र मिलेगा, उस स्कूल में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों को भी प्रमाण पत्र मिलेगा.
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