आलू एक ऐसी सब्जी है जो सभी को खूब पसंद आती है चाहे उसे कैसे भी बनाए. कार्बोहाइहाड्रेट से भरे Potato का सेवन छोटे बच्चों के लिए लाभदायक हो सकता है. यह उबलने के बाद मुलायम हो जाते हैं. यही वजह है कि छोटे बच्चे इसे आसानी खा लेते हैं. Potato बच्चों में ऊर्जा का अच्छा स्रोत है. अक्सर जो बच्चे मां का दूध पीते हैं और माताएं दूध छुड़वाकर सबसे पहले जिस खाद्य पदार्थ का सेवन कराना पसंद करती हैं, वह आलू है. आज हम आपको बताएंगे की छोटे बच्चों को आलू कब से खिलाना चाहिए और इससे बच्चों को क्या लाभ मिलते हैं.
6 माह के होने के बाद खिलाएँ आलू
छोटे बच्चों को Potato 6 माह के ऊपर होने पर खिलाना शुरू करना चाहिए. इस समय तक उनके दांत आने शुरू हो जाते हैं. इस वजह से दूध के अलावा उन्हें पोषण के लिए अन्य खाद्य पदार्थ चाहिए होते हैं. ऐसे में आलू बच्चों के लिए बहुत अच्छा Option है. आलू मुलायम होते हैं, इसलिए 6 माह से ऊपर बच्चे को मैश्ड Potato देना लाभदायक है. आलू को उबालकर दूसरी सब्जियों और फलों के साथ दिया जा सकता है. 9 महीने से ऊपर के बच्चों को भी भुना हुआ या ग्रिल किया हुआ आलू दिया जा सकता है. Read More – 10 मिनट सुबह-सुबह नंगे पैर घास पर चलें, नहीं होगी ये 6 बीमारी…
बच्चों को आलू खिलाने के फायदे
ऊर्जा का स्रोत
बच्चा जब बड़ा होता है तब उसे ऊर्जा की जरूरत पड़ती है. ऐसे में सिर्फ मां के दूध पर निर्भर नहीं रह सकता है. इस जरूरत को पूरा करने के लिए बच्चे को Potato दिया जा सकता है. आलू कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, जो सही मात्रा में बच्चे को ऊर्जा देते हैं. 1 मिडियम साइज आलू में 70 से 80 किलोकैलोरीज होती हैं.
बीमारियों से रखे दूर
आलू में इतने गुण होते हैं कि अगर सही मात्रा में Potato बच्चे को दिया जाए तो वे जल्दी बीमार नहीं पड़ेंगे. आलू में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शिशु को बीमारियों से दूर रखते हैं. छोटे बच्चे बीमार जल्दी पड़ते हैं. उन्हें बीमारी से बचाने के लिए जरूरी है कि उन्हें सही आहार दिया जाए, ताकि उनकी इम्युनिटी स्ट्रांग रहे. आलू में एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे फ्लेवनॉइड्स और कैरोटेनोइड्स होने के कारण ये बच्चों की इम्युनिटी को बूस्ट करते हैं.
पोषक तत्त्वों का खजाना
आलू पोषक तत्त्वों से भरपूर होता है. 1 मीडियम उबले हुए Potato में करीब 30% विटामिन C, 30% विटामिन B6 और 25% पोटैशियम पाया जाता है. लेकिन आलू को फ्राई करने से उसके पोषक तत्त्व कम हो जाते हैं. इसलिए बच्चो को उबालकर, बेक्ड और रोस्टेड फॉर्म में आलू देना चाहिए.
पचने में आसान
Potato पचने में आसान होते हैं. ये बच्चों को डायरिया जैसी परेशानियों से भी बचाते हैं. आलू में प्रतिरोधी स्टार्च पाया जाता है. जो बच्चे के Good Bacteria के लिए बेहतर होता है. Read More – Constipation : अगर आपको भी है कब्ज की परेशानी, तो रोज करें उत्कटासन …
गैस की परेशानी को रखे दूर
बच्चों में गैस की परेशानी होना आम है. Potato खाने से इस परेशानी से बचा जा सकता है. आलू में ऐसे एसिड होते हैं तो बच्चे के पेट में एसिडिटी नहीं बनने देते जिस वजह से उन्हें गैस की समस्या नहीं होता. साथ ही आलू में पाए जाने वाले फोलेट, कैल्शियम, आयरन आदि शिशु के विकास के लिए जरूरी होते हैं.
त्वचा को रखे स्वस्थ
शिशु की त्वचा को सुरक्षित रहे उसके लिए भी Potato बहुत लाभदायक है. आलू में विटामिन C व अन्य गुण पाए जाते हैं, जो शिशु की सेहत के लिए बेहतर होते हैं और शिशु की त्वचा को सुरक्षित रखते हैं. आलू से शिशु की त्वचा को भी पोषक तत्त्व मिलते हैं.
आलू खिलाते समय सावधानियां
- बच्चों को फ्राइड आलू जैसे चिप्स, फ्रेंच फ्राई, डिपफ्राइड पटैटो पकोड़ा न दें. इस तरह के आलू में तेल भरा हुआ होता है जो शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है.
- छोटे बच्चों को कभी-कभी फ्राय किया हुआ Potato दिया जा सकता है, पर हमेशा नहीं. हमेशा आप उबला हुआ, बेक्ड, ग्रिल्ड और रोस्टेड आलू दे सकते हैं.
- शिशु को जब Potato खिलाना शुरू करें तो ध्यान रहे कि शुरुआत में उसे थोड़ा आलू ही खिलाएं. एक बार में 1 चम्मच आलू दें. ताकि बच्चा आराम से उसे खा ले.
- आलू को अच्छी तरीके से साफ करके ही बच्चे को खिलाएं. साथ ही Potato को और पौष्टिक बनाने के लिए उसमें हरी-सब्जियां भी मैश करके मिलाएं, ताकि शिशु को सभी पोषण मिल सकें.
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