सुजान सिंह उइके,अमरवाड़ा/शरद पाठक,छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा जनपद पंचायत में अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजूबर है। जिससे ग्रामीण बीमार हो रहे है। इतना ही नहीं पानी के लिए महिलाओं को 2 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इधर शहर के अति सुरक्षित समझे जाने वाले वीआईपी रोड पर एक चीतल का कटा हुआ सिर मिला है। सूचना मिलने पर वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर सिर को जब्त कर मेडिकल टेस्ट कराया और मामला दर्ज किया है।
गांव में लाइट नहीं होने से नल जल योजना बंद, गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण
जिले के अमरवाड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मोहली भारत के ग्राम खैरी ढाना में लगभग 1 महीने से लाइट बंद होने की वजह से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि 1 महीने पहले ट्रांसफार्मर बंद हो गया था, जब से अभी तक सुधार कार्य नहीं हो पाया है। इसी कारण से रात में अंधेरे में रहना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर लाइट नहीं होने की वजह से गांव की नल जल योजना बंद है। जिससे ग्रामीणों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिदिन सुबह से गांव की महिलाएं पानी की तलाश में 2 किलोमीटर का सफर तय करती है, तब जाकर पीने का पानी नसीब होता है। वहीं गांव से ठेल नदी गई हुई है, जिसका गंदा पानी पीने की वजह से संक्रमित बीमारियां भी हो रही है।
वही ट्रांसफार्मर को लेकर कई बार विभाग में आवेदन दिया गया, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। किसानों को गेहूं की फसल में पानी की सिंचाई के लिए भी बिजली नहीं मिल रही है, ग्रामीणों ने कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे।
डीआईजी बंगले के पास मिला चीतल का कटा हुआ सिर
शहर के अति सुरक्षित समझे जाने वाले वीआईपी रोड पर एक चीतल का कटा हुआ सिर मिला है। सूचना मिलने पर वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर सिर को जब्त करते हुए उसका मेडिकल टेस्ट कराया। वहीं फॉरेस्ट विभाग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
वन अधिकारियों के मुताबिक यह स्पॉटेड डियर यानी चीतल है जो आसपास के क्षेत्र में नहीं पाया जाता। इसे पेंच के बफर जोन से लाकर यहां डाला गया है। प्रथम दृष्टया मामला शिकार का नजर आ रहा है। बरामद हुआ सिर नर चीतल का है, जिसकी उम्र करीब 6 साल बताई जा रही है। शिकारियों ने इसका शिकार करके सींग और कान निकाल लिए थे।
गौरतलब है कि जिस स्थान पर यह सिर बरामद हुआ है, वहां पर डीआईजी से लेकर डीएफओ तक के बंगले हैं और वहीं पर वन विभाग के चीफ कंजरवेटर का ऑफिस भी है। इसके अलावा फॉरेस्ट के 4 डिवीजन सहित अनेक अन्य ऑफिस भी हैं। इसके बावजूद भी यहां पर सिर लाकर फेंकना शिकारियों के हौसले बुलंद होने की निशानी है।
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