रायपुर. तुलसी का पौधा पूज्यनीय के साथ सेहत के लिए गुणकारी है. ये तो हमें जानते हैं. सेहत की दृष्टि से श्यामा तुलसी आमतौर पर मिलने वाली राम तुलसी से ज्यादा फायदेमंद होती है. पहले ये समझ ले दोनों में अंतर क्या होता है. राम तुलसी सामान्यत: दिखने वाली तुलसी होती है, जिसके पत्ती हलके हरे रंग के होते हैं. राम तुलसी का पूजा आदि में अधिक प्रयोग होता है. काली तुलसी या श्यामा तुलसी कम जगहों पर दिखती है. तुलसी की 5 प्रजातियां सबसे ज्यादा दिखाई देती है, जिसमें राम, कृष्ण, विष्णु, वन, नींबू शामिल है. Read More – अगर आपके हाथों में भी चुभ गया है कांटा और हो रही है बहुत तकलीफ, तो किचन में रखे इन सामानों से आसानी से निकालें …

श्यामा तुलसी

  • श्याम तुलसी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला, शरीर में गैस नाशक, टयूमर नाशक, शरीर के विषैलें पदार्थों का नाशक, तनाव दूर करने वाला, सिरदर्द नाशक होता है. ये तुलसी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ट्यूबरक्लोसिस होती है.
  • श्याम तुलसी या कृष्ण तुलसी मलेरिया बुखार, कॉलरा, उलटी आना, कान का दर्द, फेफड़े के रोग जैसे ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, डायबिटीज, ल्यूकोडर्मा, दांत का दर्द, कफ की समस्या का इलाज किया जाता है. Read More – New Born Baby के जीभ की सफाई है बेहद जरूरी, सफाई के दौरान रखें कुछ जरूरी बातों का ख्याल …
  • श्याम तुलसी का काढ़ा किसी भी तरह के बुखार को ठीक करता है. काढ़ा बनाने के लिए तुलसी के 8-10 पत्ते एक गिलास जितना पानी में उबालें. उबल जाने पर इसमें थोड़ा गुड़ मिला लें. पानी आधा हो जाये तो थोड़ा गुनगुना ठंडा करके पी लें.
  • काली तुलसी या कृष्ण तुलसी के पत्तों का रस पानी में मिलाकर धोने से आँखों की रौशनी तेज होती है. औरतों में पानी आने की बीमारी ल्यूकोरिया में श्याम तुलसी या काली तुलसी का अधिक सेवन करें, जरुर फायदा होगा.
  • कृष्ण तुलसी का रस सभी प्रकार की एलर्जी से राहत दिलाता है. यह टेंशन, स्ट्रेस दूर करता है और बदलते मौसम से होने वाली जुकाम ठीक करता है. सर में डैंड्रफ की समस्या हो तो श्याम तुलसी या कृष्ण तुलसी की चटनी बनाकर बाल की जड़ों में लगायें और आधे घंटे बाद धो लें. बच्चों के पेट में कीड़े हो तो श्यामा तुलसी के रस में सौंफ या पुदीने के पत्तों का रस मिलाकर पीने से पेट के कीड़े खत्म होने लगते हैं.