छत्तीसगढ़ में सभी समाजों को अधिकार देकर भूपेश सरकार राम राज्य की कल्पना को साकार करने जा रही है. राम राज्य की कल्पना की मूल अवधरणा में सभी के लिए न्याय की बात थी. जहां राजा सभी के कल्याण के लिए नीतियां बनाकर बराबरी सम्मान और प्रगति के लिए कार्य करता हो.

राम के आदर्शों पर चलते हुए भूपेश बघेल दो दिसंबर को न्याय और बरबरी की पहल करने जा रहे हैं. जनता को उनका अधिकार दिलाने जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के इतिहास में 2 दिसंबर मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. छत्तीसगढ़ का राजनीतिक निर्माण 1 नवंबर सन 2000 को जरूर किया गया, पर यहां की संपूर्ण जनता को उनका अधिकर 2 दिसंबर 2022 को मिलने जा रहा है.

राज्य की विधानसभा में छत्तीसगढ़ दो दशक बाद सर्व समाज को उनका प्रतिनिधित्व देने जा रही है. छत्तीसगढ़ राज्य की 3 करोड़ जनता सबकी भागीदारी की इस मुहिम के साथ खड़ी दिखाई दे रही है. कल 2 दिसंबर को विधानसभा द्वारा सभी वर्गों को संविधान के नियम अनुसार उनका आरक्षण मिल जाएगा. सभी प्रसन्न हैं. एक मित्र प्रिंस द्विवेदी कहते हैं कि किसी राज्य की प्रगति वहां की जनता की प्रगति के बिना संभव नहीं हो सकती थी. छत्तीसगढ़ की वंचित जनता को अधिकर मिलने से छत्तीसगढ़ प्रगति पथ पर तीव्र गति से बढ़ेगा. पर कुछ प्रश्न भी हैं, जिनपर बात करना जरूरी है. छत्तीसगढ़ में आरक्षण का यह प्रतिशत स्थाई होगा? कुछ उन सभी को यह जानना जरूरी है कि किस प्रदेश में किसी समाज का कितना प्रतिनिधित्व होगा इसकी कोई निर्धारित सीमा नहीं हो सकती है न ही कोर्ट ने कभी ऐसा तय किया था.

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यह बात प्रदेश की विशेष परिस्थितियों, विशेष विचार, तथ्य और आंकड़ो के आधार पर तय होती है. इसलिए तमिलनाडु में 69% और भारत के कई राज्यों में आरक्षण का प्रतिशत अलग-अलग है. छत्तीसगढ़ की स्थिति में जहां की आबादी में वंचित वर्गों के लोग लगभग 90% हैं. 32% आदिवासी, 13% दलित, लगभग 50% अन्य पिछड़े वर्ग और शेष सवर्ण रहते हैं. छत्तीसगढ़ की आबादी अलग है. इसलिए यहां आरक्षण का प्रतिशत भी अलग होगा जो कि संविधान के नियम अनुसार ही होगा.

ऐसे ही किसी प्रदेश में जहां आदिवासी आबादी नहीं है तो वहां उनका आरक्षण नहीं होता है, जैसे पंजाब. पर छत्तीसगढ़ में सभी समाज के लोग रहते हैं ऐसे में सभी समाज को अधिकार देना गांधी के की दिए मंत्र को साकार करना है. महात्मा गांधी ने राजनीति में रहने वाले सभी लोगों को एक मंत्र दिया था कि जब भी कोई नीति बनाओ तो यह सोचना की इससे अंतिम व्यक्ति को लाभ होगा कि नहीं. सभी को अधिकार देने की यह मुहिम उसी का हिस्सा है. राम राज्य और आखरी व्यक्ति की चिंता करते हुए सर्वजन हिताय की इस मुहिम में छत्तीसगढ़ सरकार को साधुवाद.

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