रायपुर। 16 जून को किसानो के प्रस्तावित प्रदेशव्यापी चक्काजाम और रेलरोको आंदोलन को लेकर व्यापक तैयारियां चल रहीं है. प्रदेश में करीब 50 से ज्यादा जगहों पर बैठके हुई और इसे कार्यक्रम को सफल बनाने पर चर्चा हुई.
50 से ज्यादा बैठकें हुईं
कई जगह बैठकें काफी लंबी चली. मोटे तौर पर आंदोलनकारी इस बात को लेकर बेहद सतर्क हैं कि कहीं राजनेता बैकडोर एंट्री लेकर इसे हाइजेक न कर लें. लिहाज़ा आंदोलन मे राजनीतिक पार्टियों के केवल किसान विंग के कार्यकर्ताओं को शामिल होने की इजाज़त होगी. इसमें भी वो झंडे और बैनर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले होने वाले इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में किसानों के भाग लेने की उम्मीद है
सरकार और पुलिस की पैनी नज़र
दूसरी तरफ सरकार आंदोलनकारियों की हर गतिविधि पर बारीक नजर बनाए हुए है. पुलिस के बड़े अधिकारी आंदोलन में शामिल बड़े नेताओं को लगातार फॉलो कर रहे हैं. राज्य का पुलिस महकमा पूरी तरह अलर्ट है.
मध्यप्रदेश जैसे हालात न बन जाएं …!
मध्यप्रदेश के उग्र आंदोलन से सबक लेते हुए सरकार ने पुलिस को सख्त निर्देश दे रहे हैं कि उसकी तरफ से कोई ऐसी हरकत यहां न की जाए जो राज्य का माहौल खराब कर दे. इस आंदोलन की रुपरेखा मोटे तौर पर बनाई जा चुकी है. मंगलवार को इसे लेकर आंदोलनकारी एक बार फिर बैठक करेंगे और 16 के आंदोलन का पूरा मसौदा तैयार किया जाएगा.
किसान काफी उत्साहित
सरकार की सबसे बड़ी चिंता ये है कि बिना किसी बड़े समर्थन के इस आंदोलन को काफी समर्थन मिलता दिख रहा है. किसान इसे लेकर काफी उत्साहित हैं. WhatsApp पर मैसेज के जरिए लगातार आंदोलन के बारे में जानकारियों किसानों के बीच साझा की जा रही हैं.