संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ समेत विभिन्न किसान, मजदूर एवं नागरिक संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में शहर के साहू समाज सभा भवन में बुधवार को सभी फसलों के लिए सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कानूनी गारंटी लागू करने के विषय में कृषक महासम्मेलन का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह, विशिष्ट वक्ता महाराष्ट्र के संयोजक और पूर्व सांसद राजू शेट्टी थे. आधार वक्तव्य एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने रखा. महासम्मेलन की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व विधायक डौंडीलोहारा जनकलाल ठाकुर ने किया. साथ ही संचालन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने किया. क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच के संयोजक तुहीन ने ” ये छत्तीसगढ़ म ग मोर गरीब किसान मन ग लड़त आत हे आदि काल ले ग—- गीत गाकर कार्यक्रम की शुरूआत की.

सरदार वीएम सिंह ने बताया कि सभी कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग और संघर्ष को लेकर देश के अग्रणी किसान संगठनों ने दिल्ली में लगातार बैठकें कर सर्वसम्मति से एक सूत्रीय कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय “एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा” बनाया है. इसके द्वारा देशभर में किसान संगठनों और किसानों के बीच संगोष्ठी और सम्मेलनों के माध्यम से सभी फसलों और सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी मिल सके, इस विषय पर व्यापक जनअभियान चलाया जा रहा है.

राजू शेट्टी ने कहा कि देश के किसानों के कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य पर ना मिल पाने के कारण देश के किसानों को लगभग सात लाख करोड़ रुपये का हर साल घाटा होता है. खेती के इस लगातार घाटे को सहते सहते किसान कर्जे में डूबकर दिवालिया हो रहे हैं और मजबूरी में आत्महत्या तक कर रहे हैं. इसका इलाज ना तो खाद, बीज, सिंचाई आदि के नाम पर चिड़िया के चुग्गे की तरह दिए जाने वाला नाकाफी अनुदान है, और ना ही समय-समय पर तपते लाल तवे पर पानी के छिड़काव की तरह किए जाने वाला पक्षपाती कर्ज-माफी इसका कोई स्थायी समाधान है. इसके लिए तो सरकार को हर किसान को उसके प्रत्येक फसल के लिए ससम्मान लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला एक सक्षम “एमएसपी गारंटी कानून” बनाना चाहिए, यही एकमात्र सही निदान है. राष्ट्रीय प्रवक्ता राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि देश की खेती अब आमूलचूल परिवर्तन मांग रही है. इस दिशा में सबसे पहला और जरूरी कदम देश के किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब मूल्य दिलाने गारंटी देने वाला एक सक्षम कानून बनाना होगा और यह देश के किसान संगठनों के साथ मिल बैठकर किया जाना ही उपयुक्त रहेगा.

ये अभियान पूरे देश में जोर शोर से प्रारंभ हो गया है. सोमवार को उत्तराखंड में किसानों की सम्मेलन हुए। 1 दिसंबर को पुणे महाराष्ट्र में राजू शेट्टी के संयोजन में विशाल किसान सभा आयोजित की गई. आज छत्तीसगढ़ में हुआ और 18 दिसंबर को देहरादून में किसानों की बड़ी सभा आयोजित की जाने वाली है. जहां देशभर के किसान संगठन और लाखों किसान पहुंच रहे हैं. छत्तीसगढ़ के इस आयोजन में अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, जिला किसान संघ बालोद के अध्यक्ष गैंदसिह ठाकुर, स्पार्क संगठन से उमा प्रकाश ओझा, पवन सक्सेना, राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति नवा रायपुर के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर, हम भारत के लोग बिलासपुर के संयोजक श्याम मूरत कौशिक, जागो किसान किसान संगठन के संस्थापक रघुनंदन साहू, वेगेन्द्र सोनबेर, छत्तीसगढ़ किसान यूनियन के संरक्षक लीलाराम साहू, अध्यक्ष घनाराम साहू, किसान संगठन बेमेतरा से कृष्णा नरवाल, प्रगतिशील किसान संगठन दुर्ग के संयोजक राजकुमार गुप्ता, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा अभनपुर के संयोजक हेमंत टंडन, सिक्ख संगठन गुरुद्वारा कमेटी रायपुर से पलविंदर सिंह पन्नू, हरिंदर सिंह संधू, औषधीय पौध उत्पादक संघ से विवेक त्रिपाठी, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक अधिकार मोर्चा के संयोजक प्रसाद राव, ओबीसी संगठन रायपुर से डॉ ईश्वरदान आसिया, छत्तीसगढ़ कल्याण समिति तखतपुर से नारायण पाली, राष्ट्रीय किसान संगठन जांजगीर चाम्पा से प्रेमदास महंत, प्रदीप पांडेय ने अपने विचार रखे.

कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न किसान संगठनों, मजदूर, समाजसेवी संगठनों, बुध्दिजीवियों ने शिरकत की. निर्णय लिया देश के प्रत्येक फसल और हर किसान के लिए लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी क्यों जरूरी है और इसके लिए सक्षम कानून कैसे तैयार किया जा सकता है, इस विषय पर ग्रामीण स्तर पर गंभीर चर्चा होगी. किसान के लिए एमएसपी के महत्व और इसकी कानूनी गारंटी के फायदे की जानकारी प्रदेश के गांव-गांव, घर-घर, हर किसान तक पहुंचाने के लिए कमेटी बनाई जाएगी.

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