गरियाबंद। सरकार की मंशा है कि न्याय योजना से एक भी किसान वंचित न हो. जिला प्रसाशन के अथक प्रयासों से इस बार 30 हजार 604 नए कृषकों को न्याय योजना का लाभ मिलने वाला है. कलेक्टर प्रभात मलिक ने कहा कि दुरस्त ग्रामीण अंचलों में विशेष कर जनजाति के किसान रकबे का पंजीयन नहीं करा रहे थे.

इस बार सभी प्रकार के फसलों का पंजीयन किया गया. धान बेचने वाले किसानों का रकबा भी बढ़ा. साथ ही अन्य फसल दलहन तिलहन और उद्यानिकी के प्रति भी कृषकों को जागरूक किया गया था. उसका भी बेहतर नतीजा सामने आया.

कृषि उपसंचालक संदीप भोई ने बताया कि पिछले वर्ष 78559 किसानों ने पंजीयन कराया था. इस बार 1 लाख 9165 कृषकों का पंजीयन किया गया है. सभी पंजीकृत किसानों को फसलों के आमदनी के अतिरिक्त प्रति एकड़ 9 हजार के दर पर मई 2023 से न्याय योजना का भी लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.

पिछले साल की तुलना इस बार धान फसल के लिए 10781 किसान का नया पंजीयन हुआ, जबकि 20 हजार से ज्यादा पंजीयन दलहन तिलहन और उद्यानिकी फसल में किया गया.

समर्थन मूल्य तय हुआ तो बाजार भाव भी बढ़ गया
इस बार मूंग व उड़द लगाने वाले किसानों को सरकारी नीति के चलते दोहरा फायदा हुआ है. सरकार ने मूंग की 7755 रुपये और उड़द की 6600 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया था. खरीदी 15 अक्टूबर से 16 दिसम्बर तक होनी थी.

उड़द के लिए 1002 कृषक व मूंग के लिए 14 कृषकों ने पंजीयन भी कराया था. 493 हेक्टयर रकबा में इसकी बम्फर पैदावारी भी हुई, लेकिन समर्थन मूल्य में केवल एक किसान ने महज 51 क्विंटल ही बेचा. समर्थन मूल्य तय होने के बाद बाजार में इसकी कीमत में उछाल आ गया.

5500 रुपये प्रति क्वी बिकने वाला उड़द का बाजार भाव 7 हजार हो गया, जबकि 8 हजार रुपये क्विंटल तक मूंग के फसल हाथों हाथ बिक गए. उत्पादन का 40 फीसदी मात्रा बाजार में बिका. छोटे कृषक बढ़ते महंगाई को देखते हुए दलहनों को अपने घरेलू उपयोग के लिए रख लिया. इतना ही नही पंजीकृत सभी कृषकों को दलहन के बदले भी एकड़ प्रति 9 हजार रुपये सरकार के न्याय योजना से मिलेगी.

एक नजर में पंजीकृत आंकड़ा-

  • धान- 86017 कृषक-105328.92 हेक्टयर
  • सुगंधित धान- 347 कृषक-393.45 हेक्टयर
  • मक्का- 2930 कृषक- 2211.01 हेक्टयर
  • कोदो कुटकी रागी, 225 कृषक- 115.37 कृषक
  • अरहर-605 कृषक-266.44 हेक्टयर
  • उड़द- 1002 कृषक-490.06 हेक्टयर
  • मूंग-14 कृषक-3.53 हेक्टेयर
  • वृक्षारोपण- 6 कृषक-4.62 हेक्टेयर
  • उद्यानिकी फसलें-541कृषक- 192.37 हेक्टयर
  • अन्य फसल- 553 कृषक-159.51 हेक्टेयर

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