धीरज दुबे,कोरबा. जशपुर से शुरू होकर सरगुजा तक अपना पैर पसार चुका विवादित आदिवासी आंदोलन पत्थरगड़ी का यह पूरा विवाद अब शहर में भी दस्तक देने की फिराक में है. आदिवासी समाज की एक युवा विंग शम्भू सेना ने कल पत्थरगड़ी के समर्थन में रैली निकाल कर प्रदर्शन करने की बात कही थी.

युवा विंग शम्भू सेना कि ऐलान के बाद जिला पुलिस बल ने क़ानून व्यवस्था को देखते हुए बुधवारी स्थित आदिवासी शक्तिपीठ से लेकर निहारिका, सुभाष चौक से लेकर कोसाबाड़ी तक के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दी है. साथ ही अलग-अलग प्वाइंट पर टीआई स्तर के अधिकारियों को बल के साथ तैनात किया गया है.

जिला पुलिस की पूरी कोशिश है की किसी भी हाल में इस तरह के रैली का आयोजन शहर में ना होने पाए. खुद एडिशनल एसपी कीर्तन राठौर सीएसपी और एसडीओपी के साथ पूरी हालात पर नजर बनाये हुये है. एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया की बिना प्रशासन के अनुमति के इस तरह के किसी भी यात्रा का आयोजन शहर में नहीं होने दिया जाएगा.

वही दूसरी तरफ जिले में 5वीं अनुसूची लागू होने का हवाला देकर आदिवासी समाज की शम्भू सेना भी रैली करने पर आमादा नजर आ रहे है. जानकारी के मुताबिक़ जशपुर में पत्थरगड़ी को तोड़े जाने पर उन्होंने सरकार के खिलाफ शव यात्रा सह रैली की धमकी दी है.  हालांकि अब तक यह साफ़ नहीं हो सका है की रैली कहाँ से निकाली जायेगी. पुलिस ने शम्भू सेना के इस यात्रा के मद्देनजर पूरे शहर में अपनी गश्ती तेज कर दी है. इस दौरान वे रैली का समर्थन करने वाले हर संदेही पर कड़ी नजर रखे हुए है.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ सुबह शम्भू सेना से जुड़े कुछ लोगो से पूछताछ भी की गयी, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है की उन्हें हिरासत में लिया गया है या फिर महज चेतावनी दी गयी है. बहरहाल पत्थलगड़ी को लेकर पुलिस की तैयारी चुस्त दुरुस्त है. किसी भी तरह के क़ानून व्यवस्था से जुड़े हालात पर पुलिस के आला अधिकारी अपनी नजर बनाये हुए है.