दिनेश शर्मा, सागर। मध्यप्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को उनके सालों ने करीब 50 एकड़ जमीन दान की है। इसे लेकर पूर्व बीजेपी नेता राजकुमार धनोरा ने मंत्री गोविंद सिंह पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए दान का यह खेल खेला है। वहीं इन आरोपों पर मंत्री गोविंद सिंह ने पलटवार किया है।
दरअसल, वर्ष 2021 में सागर से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित भापेल गांव में कल्पना सिंघई की जमीन गिरहनी गांव के हिमाचल सिंह राजपूत और उनके भाई करतार सिंह राजपूत ने अलग-अलग हेक्टेयर में करीब 50 एकड़ जमीन खरीदी थी। लेकिन साल 2022 में इस जमीन का दानपात्र उन्होंने अपने जीजा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बहन सविता सिंह राजपूत और भांजे आदित्य सिंह और आकाश सिंह राजपूत के नाम लिख दिया।
बीजेपी ने निष्कासित राजकुमार सिंह धनोरा ने उठाया सवाल
मंत्री गोविंद सिंह को जमीन दान में मिलने के बाद अब इस पर सवाल उठने लगे है। बीजेपी के पूर्व नेता राजकुमार सिंह धनोरा का साफ कहना है कि मंत्री ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए दान का यह खेल खेला है। धनोरा ने कहा कि हिमाचल सिंह राजपूत के पास खुद 50 एकड़ जमीन है और उन्होंने 50 एकड़ जमीन खरीदी। पहले यह बताएं कि 50 एकड़ जमीन खरीदने के लिए पैसा कहां से लाएं।
राजकुमार सिंह धनोरा का यह भी कहना है कि मंत्री गोविंद सिंह ने भ्रष्टाचार की कमाई से पहले यह जमीन अपने सालों के नाम पर खरीदी और फिर बाद में दान पत्र लिखवा लिया गया है। इस तरह काली कमाई को सफेद किया गया। इसकी बाकायदा जांच होनी चाहिए।
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किया पलटवार
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पूर्व बीजेपी नेता राजकुमार धनोरा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर किसी में कोई ब्लड का रिलेशन होता है और उसके पास जमीन जायदाद है, तो वह दान पत्र लिख सकता है। यह काम कोई चोरी-छिपे नहीं होता है, बाकायदा रजिस्टर्ड होता है, कोर्ट जाना पड़ता है। उनके ससुराल में एक जमाने में 600 से 800 एकड़ तक जमीन हुआ करती थी। आज भी उनके पास 400 से 500 एकड़ तक जमीन है।
बता दें कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सालों ने जो जमीन दान की है, उसकी कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। जमीन को दान करने के बाद से लोगों में यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है। इसके पहले भी बरखेड़ा महंत में स्थित अयोध्या के संस्थान के स्वामित्त वाले देव जानकी रमन मंदिर के व्यवस्थापक जगदीश दास ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, उनके भाई जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत और सागर एसडीएम सपना त्रिपाठी पर मंदिर सहित 125 एकड़ भूमि हड़पने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही संत ने जमीन का नामांतरण 26 जनवरी 2023 तक नहीं होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी थी।
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