दिनेश शर्मा, सागर। मध्यप्रदेश के राजस्व मंत्री गोविंद राजपूत, उनके बड़े भाई हीरा सिंह राजपूत और एसडीएम पर उनके ही सुरखी विधानसभा क्षेत्र के श्री जानकी रमण मंदिर स्थित ग्राम बरखेड़ा महंत की जमीन को खुर्दबुर्द करने का आरोप मंदिर के प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने लगाया है। दूसरी तरफ इस आरोप को जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह ने निराधार बताया है। प्रबंधक ने यह भी कहा कि यदि यह मामला 26 जनवरी तक नहीं सुलझा तो वह आत्महत्या कर लेगा।

श्री जानकी रमण मंदिर के अयोध्या के वशिष्ठ धाम द्वारा नियुक्त किए गए प्रबंधक जगदीश प्रसाद ने बताया कि मंदिर की बरखेड़ा महंत एवं ग्राम चकेरी में जमीन है। पूर्व में कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा जमीन हड़पने का प्रयास किया गया था। बात न्यायालय तक पहुंची सिविल न्यायालय द्वारा आदेश किया गया कि जानकी रमण मंदिर बरखेरा यह मंदिर श्री वशिष्ट भवन आयोध्या धाम का हैं। न्यायालय आदेश ब्राह्मऋषि पूज्य 1008 श्री राम विलास वेदांती जी के नाम वर्षान्त नामांतरण रिकार्ड में पंजीबद्ध किया गया। जिसकी जानकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह राजबाहदुर सिंह को भी है।

उन्होंने बताया कि जानकी रमण मंदिर की चल एवं अचल संपत्ति एवं सिचाई परियोजना की धनराशि अधिग्रहित जमीन का मुआवजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी संपत्ति राशियों एवं जमीन को हड़पने का कार्य मंत्री गोविंद सिंह एवं उनके भाई हीरासिंह जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया जा रहा है। एसडीएम सपना त्रिपाठी.इनके दबाब में इनके अनुसार कार्य कर रही है एवं पुराने रिकाडों को विलोपित किया गया है । उनका नामातंरण का प्रकरण चल रहा है। यदि 26 जनवरी तक संपत्ति एवं राशियों को इधर उधर करने पर रोक नहीं लगाई गई तो में जगदीश दास प्रबंधक जानकी रमण मंदिर बरखेडा महंत आत्महत्या कर लूंगा।

मेरा और मेरे परिवार का किसी तरह का कब्जा नहीं

इस मामले में जिला पंचायत हीरा सिंह राजपूत ने बताया कि ग्राम बरखेड़ा महंत में देव जानकी रमण मंदिर स्थित है। इसकी लगभग 125 एकड़ जमीन है। परंतु इतनी जमीन होने के बावजूद भी पूजा अर्चना नहीं हो पाती थी। इसको लेकर बरखेड़ा महंत और आसपास के लगभग एक दर्जन गांव के लोगों द्वारा एक धर्म सभा का आयोजन किया गया था। जिसकी सूचना ग्रामवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और जैसींनगर पुलिस सहित मुझे भी दी गई थी। धर्मसभा की बैठक बरखेड़ा महंत में आयोजित की गई थी।

जिसमें आसपास के सभी जनप्रतिनिधि सहित 500 से अधिक ग्रामीणजन उपस्थित हुए थे। हीरा राजपूत ने कहा कि धर्मसभा में मंदिर के रखरखाव एवं पारदर्शिता रखने के लिए सरकारी देखरेख में एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर एसडीओ राजस्व सागर द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया। जिसके द्वारा मंदिर और उसकी जमीन का कुशल संचालन एवं जमीन से आने वाले आय-व्यय का हिसाब तथा रखरखाव किया जा रहा है। इसका मौके पर जाकर प्रशासनिक तंत्र ,जनप्रतिनिधि सहित आमजन मुआयना कर सकते है। मेरे या मेरे परिवार का किसी भी तरह से मंदिर की जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं है और किसी तरह से लेना देना नही है। इस तरह के सभी आरोप निराधार मन गढ़ंत है। राजनीतिक द्वेष के चलते लोग इस तरह का आरोप लगा रहे हैं।

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