भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में एक जैसे चार्जिंग पोर्ट हर डिवाइस में रखने का मुद्दा बड़ा होता जा रहा है. दरअसल हर डिवाइस को चार्ज करने के लिए आपको अलग तरह का चार्जर इस्तेमाल करना पड़ता है. किसी स्मार्टफोन में आपको माइक्रो यूएसबी तो किसी डिवाइस में यूएसबी टाइप सी चार्जर दिया जाता है, लेकिन अब मोबाइल कंपनियां ऐसा नहीं करेंगे और स्मार्टफोन समेत टेबलेट में भी अब टाइप सी चार्जिंग पोर्ट ही ऑफर करेंगे, जिससे आपको एक ही चार्जर की बदौलत दोनों डिवाइस चार्ज करने की सहूलियत मिलेगी.
दरअसल एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने USB टाइप-C चार्जिंग पोर्ट के लिए गुणवत्ता मानकों के साथ सामने आया है. कंज्यूमर्स के हित में और ई-कचरे को कम करने के लिए, उद्योग हितधारकों के परामर्श से BIS दो प्रकार के सामान्य चार्जिंग पोर्ट को अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है. मोबाइल, स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए एक यूएसबी टाइप-C चार्जर का नियम बना है. वहीं दूसरी तरफ वियरेबल्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अन्य सामान्य चार्जर होगा.
BIS ने भी सिंगल चार्जर के लिए बनाया नया नियम
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार ने कहा कि पिछली बैठक में स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप आदि के लिए USB टाइप-सी को चार्जिंग पोर्ट के रूप में अपनाने पर हितधारकों के बीच सहमति बनी थी. BIS ने टाइप सी चार्जर के लिए मानकों को नोटिफाई किया है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)-कानपुर वियरेबल्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे स्मार्टवॉच आदि के लिए सिंगल चार्जिंग पोर्ट के लिए रिसर्च कर रहा है. एक बार रिपोर्ट जमा हो जाने के बाद उद्योग के साथ इस पर चर्चा की जाएगी.
भारत में अनिवार्य रूप से दो प्रकार के कॉमन चार्जिंग पोर्ट के रोलआउट के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि हमें यूरोपीय संघ (EU) टाइमलाइन यानी 2024 के साथ संरेखित करना होगा, क्योंकि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के पास वैश्विक सप्लाई चैन है और वे केवल इंडिया को सप्लाई नहीं करते हैं. 16 नवंबर की बैठक में वियरेबल के लिए एक समान चार्जिंग पोर्ट की व्यवहार्यता की जांच के लिए एक उप-समूह बनाने का भी निर्णय लिया गया था. उप-समूह में उद्योग निकायों, शैक्षणिक संस्थानों आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
इस वजह से आ रहा कॉमन चार्जर नियम
भारत की चिंता है कि यूरोपियन यूनियन के इस तरह के फैसले के बाद यूरोप का सारा इलेक्ट्रिक कचरा भारत शिफ्ट किया जा सकता है. ऐसे में भारत सरकार की तरफ से जल्द से जल्द USB Type-C पोर्ट को मंजूरी मिलने पर काम किया जा रहा है.
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