रायपुर. आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस अमृतकाल को कार्यक्रमों की श्रृंखला के रूप में मनाया जाना प्रस्तावित है. इसी क्रम में एक विशेष पहल के अंतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा कैदियों की कुछ श्रेणियों को विशेष माफी देने और 26 जनवरी 2023 और 15 अगस्त 2023 को उन्हें रिहा करना प्रस्तावित किया गया है. राज्यपाल अनुसुईया उइके ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर शासन के इस निर्णय के फलस्वरूप प्रदेश के 42 सजायाफ्ता कैदियों को 26 जनवरी 2023 गणतंत्र दिवस के मौके पर रिहा करने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है.

रिहा होने वाले बंदियों में दो ऐसी महिला बंदी शामिल हैं, जो 50 वर्ष से ज्यादा की हैं और अपनी कुल सजा अवधि की 50 प्रतिशत सजा भुगत चुकी हैं. उल्लेखनीय है कि भारत का संविधान के अनुच्छेद 161 के अनुसार किसी विधि के विरूद्ध, किसी अपराध के लिए सिद्धदोष ठहराये गये, किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसका प्रविलम्बन, विराम या परिहार करने की या फिर दंडादेश के निलम्बन, परिहार या लघुकरण की शक्ति राज्यपाल में निहित होती है.

आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कुछ विशेष कैदियों को रिहा करने का उद्देश्य जेल में अनुशासन और सदाचरण सुनिश्चित करना और प्रोत्साहन के रूप में जेल से जल्दी रिहाई की संभावनाओं का अवसर प्रदान करना है. निश्चित ही इससे अपराधी जीवन का त्याग और देश के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा.