रेणू अग्रवाल, धार। मध्यप्रदेश के धार जिले (Dhar) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। जिले के 9 नगरीय निकाय में 151 पार्षदों का चुनाव होना है। नामांकन पत्र भरने की आज अंतिम तारीख थी। वहीं आज भाजपा कार्यालय में कोर समिति की बैठक के बाद विधायक समर्थक महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। पार्षद के दावेदार भी भाजपा कार्यालय में डटे रहे।

दरअसल, धार, मनावर, पीथमपुर नगर पालिका के साथ-साथ डही, कुक्षी, धर्मपुरी, धामनोद, सरदारपुर राजगढ़ नगर परिषद में चुनाव संपन्न होना है। पीथमपुर में सर्वाधिक 31 पार्षद जबकि धार में 30 पार्षदों के लिए चुनाव हो रहे हैं। शेष नगरीय निकायों में 15-15 पार्षदों के चुनाव होने जा रहे हैं। अंतिम दिन बड़ी संख्या में नामांकन पत्र भरे गए। नामांकन पत्र भरने के लिए बड़ी संख्या में प्रत्याशी कलेक्ट्रेट कार्यालय की निर्वाचन शाखा में पहुंचे। जहां पर व्यापक स्तर पर इंतजाम किए गए थे।

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नाम वापसी की अंतिम तिथि 9 जनवरी है। जब तक अधिकृत प्रत्याशी के तौर पर टिकट का आवंटन नहीं होता है असमंजस की स्थिति रहेगी। स्थानीय पार्टियों के लिए टिकट वितरण करना चुनौती साबित होगी। हालांकि बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ही रायशुमारी का आधार बनाकर टिकट वितरण की बात कह रही है।

जहां एक ओर तापमान में गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ चुनाव की सरगर्मियां को लेकर राजनीतिक पार्टियों का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। दोनों ही पार्टियां लगातार बैठक कर रही है। चुनाव के मुद्दे क्या रहेंगे यह अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। नाम वापसी वाली तारीख यानी 9 जनवरी चुनाव के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

प्रत्याशी चयन के लिए बीजेपी कोर समन्वय समिति की बैठक

धार नगर के वार्डवार पार्षदों के टिकट फाइनल के लिए बीजेपी कोर समन्वय समिति की बैठक हुई। इस बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, सांसद छतर सिंह दरबार, करण सिंह पवार, बीजेपी जिला अध्यक्ष राजीव यादव, मेडा जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार सिंह शामिल हुए। हालांकि यह बैठक कल भी संपन्न हुई थी। लेकिन सूत्रों के अनुसार भाजपा जिला अध्यक्ष और विधायक के बीच पार्षद पद के प्रत्याशियों के नाम को लेकर सहमति नहीं बनने के कारण भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव यादव इस बैठक से उठकर चले गए थे।

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शुक्रवार को महिला मोर्चा की महिलाएं अपने वार्ड में पार्षद प्रत्याशियों के नाम की उम्मीद लिए बैठी रही, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके नामों का कहीं कोई जिक्र नहीं हो रहा, तो उनमें असंतोष देखने को मिला। यह सभी महिलाएं विधायक समर्थक हैं और विधायक के समर्थन में नारेबाजी करती नजर आई और टिकट वितरण में मनमानी की बात आपस में करती नजर आई।

भाजपा में दिखी गुटबाजी

हालांकि किसी ने भी मीडिया के सामने आने पर आरोप नहीं लगाया, लेकिन उनके अंदर भारी असंतोष देखा गया। बताया जा रह रहा है कि पूर्व के कई पार्षदों का टिकट अबकी बार कटना तय माना जा रहा है। इसे लेकर भी पार्षद प्रत्याशियों में असंतोष है। जिस तरीके से भाजपा में पार्षद प्रत्याशियों को लेकर कार्यालय पर भारी भीड़ और असंतोष देखा जा रहा है। उससे लगता है कि इस बार नगर पालिका का चुनाव भाजपा प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि भाजपा में ही गुटबाजी सामने ही नजर आ रही है। जहां भाजपा अनुशासन वाली पार्टी मानी जाती है वहां अब असंतोष उभर कर सामने आ रहा है।

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सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि विधायक भी अपने समर्थकों के नाम पर मुहर लगाने की बात कह रहे हैं, लेकिन राजीव यादव और विधायक के बीच प्रत्याशियों को लेकर समन्वय नहीं बन पा रहा है। हालांकि असंतोष को देखते हुए भाजपा के प्रत्याशियों की लिस्ट 9 जनवरी की सुबह आने की संभावना नजर आ रही है। भाजपा को अब मैदान में अपने ही पार्टी के बागी प्रत्याशियों को मनाने के लिए उतरना पड़ेगा और असंतोष का सामना भी करना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस ने अब तक चुप्पी साधी हुई है।

बीजेपी की महिला नेताओं ने कहा कि रायशुमारी की बात कही गई, लेकिन कैसी और कौन लोग रायशुमारी में शामिल थे। अभी कहां जा रहा है कि जिन लोगों के नाम रायशुमारी में शामिल नहीं थे, उन लोगों को भी पार्षद पद के दावेदारों की सूची में शामिल कर लिया गया है। अब देखना होगा कि भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राजीव यादव और कोर समिति कैसे समन्वय बिठाती है।

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