पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त हो चुके नवाज शरीफ ने पहली बार माना है कि उनका देश आतंकियों को पनाह देता है. साथ ही कहा कि पाकिस्तान से गए आतंकियों ने ही 26/11 का मुंबई हमला किया था. 2008 में हुए इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिनमें से कई विदेशी भी थे. 

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एक इंटरव्यू में नवाज ने कहा कि आतंकियों का साथ देने के कारण उनका देश दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है. नवाज ने कहा, ‘देश में आतंकी संगठन सक्रिय हैं. क्या हमें उन्हें सीमा पार करके मुंबई में 150 लोगों की हत्या की इजाजत देनी चाहिए? हम सुनवाई पूरी क्यों नहीं कर पा रहे हैं? यह अस्वीकार्य है. राष्ट्रपति पुतिन और जिनपिंग भी यह कह चुके हैं’.

“दुनिया में हमारी कोई नहीं सुनता”

दरअसल, नवाज से पूछा गया था कि उनकी कुर्सी किस वजह से गई. उन्होंने कहा कि हम खुद को अलग-थलग कर चुके हैं. बलिदानों के बाद भी कोई हमारी बात नहीं मानता. अफगानिस्तान की कहानी मान ली गई, लेकिन हमारी नहीं.  मुल्तान में ‘द डॉन’ को दिए इंटरव्यू में नवाज ने कहा, ‘जब दो या तीन समानांतर सरकारें चल रही हों, तो आप देश नहीं चला सकते। यह रोकना होगा। सिर्फ एक ही सरकार हो सकती है, जो संवैधानिक प्रक्रिया से चुनी गई हो।’

शरीफ का बयान भारत के लिए महत्वपूर्ण

देश के वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकम ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ का बयान भारतीय सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इससे साबित होता है कि जब शरीफ पाकिस्तान के पीएम थे तो उन्हें 26/11 हमले की जानकारी थी, लेकिन फिर भी इसके ट्रायल को खत्म करने की कोशिश नहीं की.