कोंडागांव। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार गोविंदलाल वोरा के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी उन्हें आक्रोश में नहीं देखा. सीएम ने कहा कि वे गोविंदलाल वोरा के हमेशा संपर्क में थे. उन्हें रात में ही निधन की सूचना मिली. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे छत्तीसगढ़वासियों की ओर से गोविंदलाल वोरा के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट करते हैं.
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित सभी लोगों ने कोंडागांव की प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य के वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक अमृत सन्देश के प्रधान सम्पादक स्वर्गीय गोविन्दलाल वोरा को एक मिनट का मौन धारण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि रायपुर के दैनिक समाचार पत्र अमृत संदेश के प्रधान संपादक और वरिष्ठ पत्रकार गोविंद लाल वोरा का निधन हो गया है. गोविंद लाल वोरा 84 वर्ष के थे. गोविंदलाल वोरा का निधन कल दिल्ली में फोर्टिस अस्पताल में हो गया है. आपको बता दें कि वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज राजधानी दिल्ली में चल रहा था. गोविंद लाल वोरा अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के छोटे भाई थे.
वे लम्बे समय तक रायपुर के दैनिक नवभारत के भी सम्पादक रह चुके थे. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने रायपुर में जारी शोक संदेश में कहा है कि गोविंदलाल वोरा छत्तीसगढ़के वरिष्ठतम पत्रकारों में से एक थे. उन्होंने लगभग छह दशकों तक पत्रकारिता के माध्यम से राज्य और देश को अपनी मूल्यवान सेवाएं दीं. उनका निधन छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के लिए एक अपूरणीय क्षति है. डॉ रमन सिंह ने कहा कि राज्य ने एक सजग, सक्रिय और बेबाक और निष्पक्ष पत्रकार को हमेशा के लिए खो दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वोरा एक संवेदनशील और गंभीर चिंतक तथा लेखक भी थे. विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उन्होंने अपने लेखन के जरिए समाज को सही दिशा देने की कोशिश की.
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने गोविंदलाल वोरा के साथ अपने वर्षों पुराने आत्मीय सम्बन्धों को याद करते हुए कहा कि राज्य हित और देश हित के विभिन्न विषयों पर मेरी उनसे समय-समय पर बातचीत होती रहती थी. उन्होंने कहा कि मुझे हमेशा उनका आशीर्वाद मिलता रहा. डॉ. रमन सिंह ने स्वर्गीय गोविन्दलाल वोरा के शोक सन्तप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है और दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.
आज गोविंदलाल वोरा का अंतिम संस्कार रायपुर स्थित मारवाड़ी श्मशान घाट में किया जाएया. गोविंद लाल वोरा के अचानक इस तरह से चले जाने से पूरे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है.