दीपक ताम्रकार, डिंडोरी। मध्यप्रदेश का आदिवासी जिला डिंडोरी (Dindori) में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस (Republic day) के दिन वह काम हुआ जो अब तक के इतिहास में कभी न हो सका। डिंडोरी पुलिस परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण (Flag Hoisting) किया गया। सलामी ली गई और सांस्कृतिक आयोजन किये गए, लेकिन यह सब जरा हट के हुआ। आइए हम बताते हैं कि आखिर बात क्या है।

इस बार मंच में न किसी मंत्री, मिनिस्टर, विधायक न वीआईपी पर्सन को देखा, बल्कि जिले के दूरस्थ अंचल के जंगलों में रहने वाली बैगा महिला लहरी बाई (Lahari Bai) को IAS और IPS के साथ मंच साझा करते देखा गया। वह भी पूरे पारंपरिक पोषक में। जिसने भी देखा वह हक्का बक्का रह गया।

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दरअसल, यह वहीं लहरी बाई है जिसने अपने दम पर बिना किसी सरकारी और निजी लाभ लिए बेवर बीज बैंक (Beaver Seed Bank) तैयार किया है। इस महिला ने जंगलों की सुरक्षा और बैगा समाज को बेवर खेती के लिए जागरूक करने का काम किया। जिसके मुरीद डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा (IAS Vikas Mishra) भी हुए और लहरी बाई को जिले का ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassador) बना दिया।

लहरी बाई महिला बैगा है जिनकी मौजूदगी से पूरा कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा। कलेक्टर विकास मिश्रा के साथ लहरी बाई ने ध्वजारोहण किया। इसके बाद परेड की सलामी दोनों हाथों को जोड़कर दी। इतना ही नहीं जब परेड के कमांडरों से मुलाकात की बारी आई तो कलेक्टर विकास मिश्रा ने ससम्मान लहरी बाई को आगे किया, जो कदमताल करते हुए सभी से परिचय प्राप्त किया। हजारों की संख्या में कार्यक्रम देखने पहुंचे नेता अधिकारी जनप्रतिनिधि आमजन इसके गवाह बने।

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वहीं कलेक्टर के विशेष आमंत्रण पर पहुंची नगर की वृद्ध किन्नर नाजनीन मौसी ने भी कार्यक्रम और कलेक्टर के आमंत्रण का दिल खोल कर तारीफ की।

बता दें कि डिंडोरी जिला के बजाग जनपद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिलपिढी की रहने वाली 27 वर्षीय बैगा महिला लहरी बाई (Lahari Bai) को बचपन से ही उनके पूर्वजों से बेवर खेती करना और उसके बीज को सहेजने की जानकारी मिली। बेवर बीज की खेती से उत्पन्न होने वाले पौष्टिक अनाज को खाने शरीर हष्ट पुष्ट रहता है और जीवन आयु भी लंबी होती है। जिसके चलते लहरी बाई ने अपने खेत में धान और कोदो की फसल के साथ साथ सामुदायिक अधिकार वाले जंगल की जमीन में पारंपरिक खेती (Traditional Farming) में इस्तेमाल करने वाले बीजों को सहेजने का काम किया है।

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