महाराजगंज. भारत नेपाल सीमा के ठूठीबारी चेक पोस्ट से बीते 16 जनवरी को बरामद दो नाबालिग बंगाली बालिकाओं के तस्करी मामले में पुलिस ने अभी तक नामजद पांच आरोपियों में से चार को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. वहीं इस मामले में आरोपियों एक राजनीतिक दल से जुड़े होने और रसूखदार होने के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की बात सामने आई.

दरअसल, बीते 16 जनवरी को नेपाल सीमा के ठूठीबारी में मानव तस्करी की निगरानी में जुटी स्वयं सेवी संस्था पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति व मानव सेवा संस्थान के सदस्यों ने संदेह होने पर नेपाल जा रहीं दो नाबालिगों व उनके साथ रहे पांच लोगों को रोककर पूछताछ किया. जहां उन्होंने बताया कि वह कुशीनगर जिले के हैं और बालिकाएं आर्केस्ट्रा में नर्तकी हैं. जिनके साथ नेपाल घूमने जा रहे हैं.

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सही जानकारी नहीं मिलने के कारण संस्थाओं के सदस्यों ने पकड़े गए लोगों व बालिकाओं को एसएसबी ठूठीबारी को सौंप दिया. जिसके बाद एसएसबी ने पुलिस को इसकी जानकारी दी. देर शाम होने के कारण पकड़े गए पांच व्यक्तियों की पहचान लेकर उन्हें छोड़ दिया गया. जबकि बालिकाओं को चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया. जिन्हें 17 जनवरी को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया.

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नाबालिगों ने बताया कि उन्हें उनके घर से पैसे की लालच देकर खरीदा गया है. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपितों शाकिर अली, इरशाद आलम, दिलीप मिश्रा, अरशद अली व मोहम्मद रफीक सिद्दीकी के खिलाफ मानव तस्करी का मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई. हालांकि पुलिस ने इस मामले में एक आरोपित इरशाद आलम को गिरफ्तार कर चालान कर चुकी है, लेकिन चार आरोपी अभी फरार चल रहे हैं.

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