अमृतांशी जोशी,भोपाल। स्वाद के शौकीनों के लिए तंदूर की रोटी (Tandoor Rotis News) कहीं गुजरे जमाने की बात न हो जाए, क्योंकि मध्य प्रदेश के जबलपुर में तंदूर की रोटियों पर बैन (Tandoor Roti Ban) लगा दिया गया है. अब भोपाल में भी तंदूर के दूसरे विकल्प ढूंढने की कवायद तेज हो गई है. लकड़ी और कोयला आधारित तंदूर की बजाय इलेक्ट्रिक या एलपीजी (Electric or LPG) का इस्तेमाल किया जाएगा. इस ओर ध्यान दिया जाएगा.
दरअसल पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड (Pollution Control Board) अब तंदूर और भट्टी के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण के लिए जागरूक करेगा. तंदूर से होने वाले प्रदूषण को लेकर होटल संचालकों को जागरूक किया जाएगा. तंदूर से निकलने वाले कार्बन से वायु प्रदूषण होता है. वैकल्पिक साधनों को बढ़ावा देने के लिए अवेयरनेस कार्यक्रम चलाए जाएंगे. पॉलयूशन कंट्रोल बोर्ड संचालकों और लोगों से अपील करेगा.
चार बड़े शहरों में बदलाव की तैयारी
प्रदेश के चारों महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में तंदूर के वैकल्पिक सुझाव दी जाएगी. वायु प्रदूषण के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक या LPG साधनों का प्रयोग किया जाए. लंबे समय से पीसीबी प्रदूषण कम करने के विकल्पों की तलाश कर रहा है. सरकार के साथ मिलकर नई तैयारी की जाएगी. हाल ही में जबलपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने तंदूर पर रोक लगाने के ऑर्डर जारी किए थे. तंदूर में अधिकतर रोटी बनती है.
जनता ने माना की नुकसानदायक है तंदूर
राजधानी भोपाल में सुबह-सुबह भी दुकानों पर तंदूर जलते मिले. दुकानदारों का कहना है कि अगर निर्देश जारी होते है, तो तंदूर बंद करेंगे. इसके विकल्प ढूँढने के कोशिश करेंगे. जिससे नुकसान ना हो. जनता ने कहा कि ये पर्यावरण और सेहत दोनों के लिए नुकसानदायक है. दुकानदार को अल्टरनेटिव विकल्प ढूँढने की ज़रूरत है. ऐसा प्रदूषण कहीं ना कहीं शरीर को आगे आने वाले समय में हानिकारक पहुंचा सकते है. ऐसा कुछ लागू हो जिससे जनता और दुकानदार दोनों का नुकसान ना हो.
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