प्रतापगढ़. उत्तर प्रदेश के कौशांबी सांसदी क्षेत्र से बीजेपी सांसद विनोद सोनकर शुक्रवार को लोकसभा सत्र के दौरान जेल में बंद कैदियों को मताधिकार दिलाने का मुद्दा उठाया. सांसद सोनकर ने सदन में कहा कि जब एक कैदी चुनाव लड़ सकता है तो वोट क्यों नहीं दे सकता, ऐसे में जेल में बंद कैदियों को भी मताधिकार मिलना चाहिए.

दरअसल, सांसद विनोद सोनकर ने शुक्रवार को लोकसभा सत्र के दौरान नियम 377 के तहत सदन में कहा कि जेल में बंद बंदियों को लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय एवं पंचायत चुनाव में मतदान करने का अधिकार जेल में ही मिले. उन्होंने कहा कि जब जेल में बंद बंदी चुनाव लड़ सकता है तो देश के विभिन्न जेलों में लगभग 5 लाख बंदी बंद हैं, जो चुनाव के समय अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते हैं.

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बीजेपी सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग को जेल में बंद बंदियों के मतदान के लिए व्यवस्था करनी चाहिए. जबकि अब बुजुर्गों एवं दिव्यांग को डाक मत की सुविधा दी गई है. ऐसे में कारागारों में बंद बंदियों को भी मतदान का अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग प्रत्येक जेल में एक पोलिंग बूथ बनाएं, जिससे जेल में बंद बंदियों को मतदान का अधिकार मिल सके. जिससे वह अपने पंसदीदा प्रत्याशी को जनप्रतिनिधि के रूप में चुन सके.

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BJP सांसद ने ट्वीट करते हुए कहा, ”सदन में नियम 377 के अधीन सूचना के अंतर्गत देश में लोकसभा,विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में देश के 5 लाख से ज्यादा बंदियों के मताधिकार के प्रयोग करने का मुद्दा उठाया एवं माननीय सदन से जेल में ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने पर चुनाव आयोग को विचार करने का आग्रह किया.”

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गौरतलब है कि जन प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 62 (5) के अनुसार न्यायिक आदेश से जेल में बंद या पुलिस अभिरक्षा में होने वाले व्यक्ति को वोट देने का अधिकार नहीं है. हालांकि इसको लेकर पिछले साल भी जेल में बंद कैदियों को मतदान का अधिकार देने की मांग उठी थी. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी नवंबर 2022 में दायर की गई थी. दायर याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 62(5) की वैधता को चुनौती दी गई थी. यह धारा जेल में बंद व्यक्ति को मतदान से रोकती है.

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