उत्तर प्रदेश में बीते महीने से रामचरितमानस पर विवाद जारी है. मानस की चौपाईयों पर जमकर सियासत भी हो रही है. सपा महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या के बयान से समाजवादी पार्टी ने किनारा कर लिया है, बावजूद इसके स्वामी प्रसाद अपने बयान पर अड़े हैं और आए दिन मामले से जुड़े मुद्दे को लगातार ट्वीट कर रहे हैं. इसी बीच एक बार फिर उनके इस बयान पर पूर्व मंत्री एवं सपा नेता शिवपाल सिंह यादव का बयान सामने आया है.

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सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि ये स्वामी प्रसाद मौर्या का व्यक्तिगत स्टेटमेंट हैं. ये पार्टी का स्टेटमेंट नहीं था. उन्होंने कहा कि हम लोग सभी ग्रंथों को मनाने वाले हैं. भगवान राम के आदर्शों पर चल रहे हैं, भगवान कृष्ण के आदर्शों पर चलने वाले हैं, जितने भी भगवान हैं उन सब को मनाने वाले हैं.

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गौरतलब है कि पूर्व मंत्री एवं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते रोज कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते. सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है। उन्होंने कहा था कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है, उसे बाहर करना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है, क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है.

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