रवि गोयल, जांजगीर-चांपा। बलौदा के मयूरा कान्वेंट स्कूल संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से शिक्षा के अधिकार क़ानून (RTE) के तहत किए गए भुगतान में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. मामले मे जिला शिक्षा अधिकारी ने कोतवाली थाना मे रिपोर्ट दर्ज किया है. पुलिस ने मामले मे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसे भी पढ़ें : CG BREAKING : ईट भट्टे में तीन ग्रामीणों की मौत, गांव में दहशत

जांजगीर-चाम्पा जिला के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास साहू, क्लर्क शिवानंद राठौर ने बलौदा के मयूरा कान्वेंट स्कूल के संचालक के सांठ-गांठ कर 72 लाख रुपए का घोटाला किया. शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल संचालक को 7 लाख जारी करने के बजाय 72 लाख से अधिक की राशि जारी कर दी.

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दो साल पहले हुए इस घोटाले की जानकारी मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी एचआर सोम ने कलेक्टर के निर्देश पर क्लर्क शिवानंद राठौर को निलंबित और कम्प्यूटर ऑपरेटर विकास साहू को बर्खास्त किया, इसके साथ स्कूल संचालक को राशि वापस करने के निर्देश दिए. मामले में स्कूल संचालक ने अपनी गलती स्वीकार की, वहीं क्लर्क ने इसे मानवीय त्रुटि बताते हुए सुधार के लिए उच्च अधिकारियों को पहले से जानकारी देने का दावा किया.

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इस मामले में एडिशनल एसपी अनिल सोनी ने बताया कि डीईओ ने कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराया है. डीईओ ने रिपोर्ट में बताया कि भुगतान में गड़बड़ी सामने आने के बाद स्कूल संचालक को नोटिस जारी कर राशि की मांग की गई, लेकिन स्कूल संचालक 35 लाख रुपए जमा करने के बाद बाकी राशि जमा करने में टाल-मटोल कर रहा है. मामले में विभाग के क्लर्क के साथ कंप्यूटर ऑपरेटर और स्कूल संचालक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.