संदीप शर्मा,विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha district) के सिरोंज स्थित बेरखेड़ी ग्राम के स्कूल में पदस्थ शिक्षिका (teacher) फरहदुन्नीसा खान (Farhadunnisa Khan) अपने अलग अंदाज के लिए प्रेरणा का स्रोत (source of inspiration) बन गई है. जो विद्यार्थी स्कूल से गैर हाजिर रहते हैं उनको स्कूल लाने के लिए शिक्षिका बच्चों के साथ ढोलक (Dholak) लेकर विद्यार्थी के घर पहुंच जाती है. इस नवाचार के चलते स्कूल में 95 प्रतिशत बच्चों की उपस्थित रहती है. फरहदुन्नीसा खान के इस नवाचार (innovation) के लिए उन्हें राज्यपाल के ओर से राज्यस्तरीय बिजू भाई सम्मान (state honor) भी दिया गया है.
टीचर फरहद ने बताया कि फरहदुन्नीसा सभी बच्चों को स्कूल लाने के लिए हमेशा कुछ न कुछ करती रहती है. शिक्षिका ने एक डायरी बनाई जिसमें सारे बच्चों के हस्ताक्षर करवाए जाते हैं. वहीं उपस्थित बच्चों के माता पिता के नाम बोर्ड पर भी लिखे जाते है. जब जब अनुपस्थित बच्चों को इसका पता चला तो वे भी स्कूल आने लगे ताकि उनके माँ बाप का नाम भी बोर्ड पर लिखा जाए. इस तरकीब से बच्चों के नहीं आने पर ढोलक वाला तरीका अपनाया जाता है. उन्होंने कहा कि भगवान ने गुरु बनाया है तो मैं अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करने का प्रयास कर रही हूं.
छात्र गोलू ने कहा कि मैडम के प्रयासों के चलते बच्चे स्कूल जाकर पढ़ाई कर पा रहे है. वहीं मौजूद नसरीन बानो ने कहा कि हमारी मैडम बहुत अच्छी है. गांव में घूमकर घर-घर से बच्चे जमा कर स्कूल ले जाती है. उन्होंने बताया कि आज अमन स्कूल नहीं आया था, उसको बुलाने का मेडम तरीका हमने भी अपनी आंखों से देखा. गांव वाले भी अपने स्कूल टीचर की भूरी भूरी कहकर प्रशंसा करते है.
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