अजय शर्मा, भोपाल/प्रदीप मालवीय, उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में विक्रम उत्सव (Vikram Utsav) में कवि कुमार विश्वास की आरएसएस (RSS) पर की गई टिप्पणी के विरोध में बीजेपी नेता और कार्यकर्ता उतर आए है। बीजेपी कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) को पत्र लिखकर एमपी सरकार के सभी शासकीय आयोजन में कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) को प्रतिबंधित करने की मांग की है। इधर उज्जैन में नगर निगम के पूर्व सभापति कुमार विश्वास के पोस्टर पर कालिख पोतकर अपना विरोध दर्ज कराया है। हालांकि बढ़ते विवाद के बाद कुमार विश्वास ने वीडियो जारी कर मांफी मांग ली है।
सुरेंद्र शर्मा ने पत्र में लिखा- उज्जैन में विक्रम उत्सव के तहत चल रही रामकथा में कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को अनपढ़ कह कर संबोधित किया है। यह उस राष्ट्रवादी विद्वत विचारधारा का अपमान है, जिसका शुभारंभ 1925 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जो स्वयं एमबीबीएस डॉक्टर थे ने किया था। आज देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश भक्ति त्याग तपस्या का प्रतीक है। देश के करोड़ों कार्यकर्ता एक से बढ़कर एक गुणों से युक्त हैं।
सुरेंद्र शर्मा ने आगे लिखा- माननीय आप स्वयं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक हैं और दर्शनशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। कुमार विश्वास जैसे व्यक्ति को बताने के लिए इतना ही पर्याप्त है। कुमार विश्वास ने धृष्टता की पराकाष्ठा करते हुए आप जैसे सभी कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। मेरा आपसे आग्रह है कि कुमार विश्वास को भविष्य में किसी भी शासकीय कार्यक्रम में ना बुलाया जाए और उज्जैन में जो कार्यक्रम चल रहा है उस पर रोक लगाई जाए।
नगर निगम के पूर्व सभापति बोले- कार्यक्रम नहीं होने देंगे
भाजपा नेता और उज्जैन नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गहलोत ने कुमार विश्वास के पोस्टर पर कालिख पोत दी। उन्होंने कहा कि आर एस एस की स्वयंसेवक 100 वर्षों से देश के लिए अपना जीवन अर्पण कर रहे है। उन पर ऐसी टिप्पणी करने वाले को हम माफ नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कुमार विश्वास उनके दिए गए इस निंदनीय बयान का खंडन करें और माफी मांगे, नहीं तो आज और कल शाम को उनका होने वाला कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा। इसके साथ ही उनका मुंह काला करके काले झंडे दिखाए जाएंगे।
कांग्रेस नेता ने कही ये बात
वहीं कांग्रेस नेता के के मिश्रा ने ट्वीट कर कहा – RSS अनपढ़ है” कुमार विश्वास जी के इस कथन से मैं इत्तफाक नहीं रखता। जिस विवि के कुलाधिपति हिटलर- मुसोलिनी हों,अनुचर झूठ को आग की फैला देते हों, सुशिक्षितों को भी मूर्ख बना देते हों वह अनपढ़ कैसे? वैसे कथाकारों को धर्म के घोड़े पर सवार होकर राजनैतिक टिप्पणियां करना भी अनुचित है।
कुमार विश्वास ने मांगी माफी
वहीं इस बयान पर विवाद बढ़ने के बाद कुमार विश्वास ने माफी मांग है। उन्होंने कहा कि कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के विषय पर टिप्पणी की, जो संयोग से RSS में काम करता है। पढ़ता लिखता कम है, बोलता जाता है। तो मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो, तुम पढ़ते नहीं हो, वामपंथी को पढ़े और तुम अनपढ़ हो, सिर्फ इतनी सी बात कही, और इसे कुछ विभिन्न संतोषियों ने ज्यादा फैला दिया। आज मुझे कुछ समाचार मिले कि कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे। तो भाई आप ध्यान रखिएगा कि राम कथा को कौन भंग करेगा।
कुमार विश्वास ने कहा कि मैं जो बोल रहा हूं उसका अर्थ उसी तरह लगाए जो मैं बोल रहा हूं। आपकी इस सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है, तो उसके लिए मुझे माफ करें, क्षमा करें। 2 ढाई घंटे में जो अच्छा हो, जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की कथा से नवनीत निकल सकता हो, उसे लेने की कोशिश करें।
ये है पूरा मामला
बता दें कि मंगलवार रात को कवि कुमार विश्वास की राम कथा अपने-अपने राम का तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजन किया गया है, लेकिन शुरुआत के दिन ही कवि कुमार विश्वास ने अपनी कथा के दौरान एक विवादित वक्तव्य दे दिया। उन्होंने कहा कि देश में “वामपंथी कुपढ़” हैं और ‘आर एस एस वाले अनपढ़” है। इस दौरान भाजपा के मंत्री, सांसद और विधायक सामने ही बैठे थे।
कवि कुमार विश्वास ने कहा कि एक दिन मैं अपने स्टूडियो में बैठा था कुछ रिकॉर्ड कर रहा था, तभी मेरे यहां काम करने वाला है, एक युवक जो आरएसएस के लिए काम करता है। आया और बोला कि भैया कल बजट आने वाला है, तो बजट कैसा होना चाहिए। तो मैंने कहा कि तुमने तो राम राज्य की सरकार बनाई है, तो रामराज्य जैसा ही बजट होना चाहिए, तो उस बच्चे ने कहा कि राम राज्य में कहां बजट होता था, तो मैंने कहा कि तुम्हारी यही समस्या है कि वामपंथी लोग कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो।
हमारे इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है, एक वामपंथी जो पढ़े तो हैं, लेकिन उन्होंने गलत पढ़ा है और दूसरे तुम जिन्होंने कुछ पढ़ा ही नहीं है और उसके बाद ये कहते हैं कि हमारे ग्रंथों में यह लिखा है वह लिखा है, लेकिन ग्रंथ कैसे होते हैं ? इन्होंने देखे नहीं हैं। पहले उसको पढ़ तो लो उसमें लिखा क्या है ?
कार्यक्रम में मंत्री, विधायक और सांसद थे मौजूद
इस कार्यक्रम में उज्जैन दक्षिण के विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav), उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन (Paras Jain) और सांसद अनिल फिरोजिया (Anil Firojiya), महापौर मुकेश टटवाल (Mayor Mukesh Tatwal) सहित बीजेपी के कई नेता मौजूद थे। वक्तव्य पूरा होने के बाद वहां बैठे हजारों श्रोताओं ने तालियां बजाई।
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