रायपुर-  मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में याचिकाकर्ताओं मंजीत कौर बल और कृष्ण कुमार साहू द्वारा बार-बार की जा रही शिकायत पर न्यायालय ने नाराजगी जाहिर की है. मंत्री चंद्राकर के वकील शरद मिश्रा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस तरह की शिकायत प्रस्तुत करने और प्रकरण वापस लेकर हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने से न्यायालय ने नाराजगी जताई है. न्यायालय ने शिकायत को प्रथम दृष्टया सारहीन होने से खारिज कर दिया है.

वकील शरद मिश्रा के मुताबिक कृष्ण कुमार साहू ने पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने की शिकायत करते हुए जिला न्यायालय धमतरी में परिवाद दायर किया था, जिसमें जिला न्यायालय ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को जांच के आदेश जारी किए थे. ब्यूरो ने अपनी जांच में मंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनना पाया. इस आधार पर न्यायालय ने इस मामले को एक सिरे से खारिज कर दिया. वकील शरद मिश्रा का कहना है कि कृष्ण कुमार साहू और मंजीत कौर बल ने व्यक्तिगत दुर्भावना रखते हुए मंत्री के खिलाफ पुनः उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में याचिका लगाई. यह याचिका भी उच्च न्यायालय ने सारहीन होने का आधार बताते हुए खारिज कर दिया. इसके बावजूद निहित स्वार्थों के चलते कृष्णकुमार साहू और मंजीत कौर बल द्वारा उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में उच्च न्यायालय के फैसले के विरूद्ध अपील दायर की. लेकिन वाद में कोई भी न्यायायिक बिन्दु उल्लेखित नहीं होने के कारण और प्रकरण विभिन्न न्यायालयों के स्तर पर खारिज होने के डर से वाद वापस ले लिया.
शरद मिश्रा द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि जिला न्यायालय धमतरी के विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के समक्ष उन्हीं तथ्यों एवं आधारों पर कृष्ण कुमार साहू और मंजीत कौर बल ने एक शिकायत प्रस्तुत की, जिसे विशेष न्यायाधीश ने विधि विपरीत होना बताते हुए खारिज कर दिया है. मिश्रा ने अपने लिखित बयान में यह कहा है कि इस पूरे मामले में कृष्ण कुमार साहू और मंजीत कौर ने मंत्री अजय चंद्राकर को मानसिक रूप से परेशान करने की नियत से यह कृत्य किया. इन दोनों ने मीडिया में बने रहने के उद्देश्य से अर्नगल एवं तथ्यहीन आरोप सार्वजनिक रूप से लगााया और न्यायालय में परिवार के रूप में इसे प्रस्तुत किया. वकील ने कहा कि बार-बार दोनों की ओर से सार्वजनिक बयानबाजी कर मंत्री अजय चंद्राकर की प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास किया जाता रहा है, जिसकी वजह से मंत्री ने 2 अप्रैल 2018 को रायपुर जिला के सत्र न्यायालय में मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट के सामने उपस्थित होकर मानहानि का परिवाद पेश किया था. इस पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी डाॅ.सुमीत कुमार सोनी ने कृष्णकुमार साहू एवं सुश्री मंजीत कौर बल के विरूद्ध आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही नोटिस जारी करने को भी कहा गया है.