जापान में व्हेल मछलियों पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने 330 से ज्यादा व्हेल मछलियों को पकड़ा था. इसमें से 120 व्हेल मछलियों को जान से मार दिया गया है. ऐसा अंटार्कटिक महासागर में मौजूद जलीय जीवन के अध्ययन के लिए किया गया है. इन मछलियों का जैविक नमूनों के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

एक ब्रिटिश अखबार के मुताबिक 12 हफ्ते चले इस शिकार अभियान में दक्षिणी महासागर की 333 व्हेल मछलियों को पकड़ा गया था. उनमें से 181 मादाएं थीं जिनमें से 128 पूर्ण रूप से विकसित मादाएं थीं. खबर के मुताबिक इनमें से 122 गर्भवती थीं जबकि 53 पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई थीं. जापान का दावा है कि ये व्हेल क्या खाती हैं, इसे समझने के लिए उसके वैज्ञानिकों के लिए इनका पेट चीरना जरूरी है. हालांकि बहुत से वैज्ञानिक मानते हैं कि इस तरह के अध्ययनों के लिए वैकल्पिक तरीके उपलब्ध हैं. उधर, स्थानीय मीडिया का कहना है कि शिकार के बाद व्हेल का मांस जापान के मछली बाजारों में बेचा जाता है.

शोध के नाम पर व्हेलों की हत्या करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जापान की कड़ी आलोचना की है.