आजकल की बढ़ते कॉम्पिटिशन में हर पैरेंट्स अपने बच्चे को सबसे आगे देखना चाहते हैं. ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों के खेलकूद में कम और उन्हें पढ़ाई के लिए ज्यादा प्रेरित करते हैं. लेकिन पेरेंट्स की यह गलती बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं, क्योंकि बच्चों के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है खेलकूद. पढ़ाई जरूरी है इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन खेलना-कूदना भी उतना ही जरूरी है. अगर स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो खेल बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी हैं.
आज हम आपको खेलकूद से मिलने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप समझ जाएंगे की आखिर बच्चों के लिए खेलकूद क्यों जरूरी हैं. आइए जानते हैं इन फायदों के बारे में. Read More – Sameer Khakhar का निधन, 70 साल की उम्र में हुई मौत …
रहते हैं सेहतमंद
बच्चे सक्रिय रहना पसंद करते हैं. इससे उनकी सेहत अच्छी रहती है. खेलने से बच्चों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और हड्डियों के घनत्व में सुधार करते हैं और कार्डियो-वैस्कुलर फंक्शन को बढ़ाते हैं. इस तरह खेल को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
सहनशीलता बढ़ती है
खेल खिलाड़ी की सहनशीलता के लिए चुनौती के समान होता है. खेल की गतिविधियों से शारीरिक सहनशीलता बढ़ती है, क्योंकि गेम आखरी तक खेला जाता है, जिससे आपका बच्चा सीखता है कि अधिक समय तक गर्मी में, पसीने पसीने होकर, थककर भी कैसे रहा जाता है और जीत के लिए आखरी तक मेहनत करते हैं.
मस्तिष्क का विकास करता है
मस्तिष्क के विकास के लिए भी खेल जरूरी हैं. इनका बच्चों की बुद्धि और अन्य कई तरह से बेहतर प्रभाव पड़ता है. खेल वह जगह है जहां बच्चे सामाजिक तौर पर एक दूसरे से जुड़ते हैं. वे खेलों के जरिये आत्म-नियंत्रण सीखते हैं.
शारीरिक मजबूती आती है
खेलने से बच्चा अंदर से मजबूत बनता है और इससे उनका शारीरिक विकास तेजी से होता है. दरअसल खेलने के दौरान आपके शरीर में तेजी से ऑक्सीजन का संचार होता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. साथ ही इससे आपके बच्चे का पाचन तंत्र भी अच्छा होता है. ऐसे में वे जो भी खाते हैं, उसका पाचन अच्छे से होता है. इसलिए, उन्हें खेलने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि इससे उनका मानसिक विकास भी अच्छे से होता है, क्योंकि खेलने के दौरान शरीर एंडोर्फिन नामक हार्मोन जारी करता है, जिससे शरीर में सकारात्मक भावना का संचार होता है. Read More – मैनेजर को याद आए Satish Kaushik के आखिरी लफ्ज, एक्टर ने कहा था ”मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो” …
चिड़चिड़ापन कम होता है
नियमित रूप से खेलने से बच्चों में चिंता, तनाव और चिड़चिड़ापन कम हो सकता है. साथ ही उनमें खुशी की भावना और उनका आत्म-सम्मान भी बढ़ता है. खेल के माध्यम से बच्चे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकने में सक्षम होते हैं.
सामाजिक कौशल का विकास
जब आपका बच्चा खेलों में भाग लेता है, तो उनमें सामाजिक कौशल का बहुत अच्छा विकास होता है. खेल के दौरान आपका बच्चा दूसरे बच्चों से मिलता है और उनसे बातचीत करता है. यह उसके समाजिक कौशल के विकास में सहायक होता है.
संचार कौशल में सुधार
यदि आपका बच्चा शर्मीला है और अपने आप में रहता है या दूसरों से बात करने के लिए शर्माता है, तो आपको उसे ऐसा खेल खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे उसके संचार कौशल में सुधार हो सके. अपने साथियों से बात करने से उनका मनोबल बढ़ता है.
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