शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडोरी में चल रहे मिशनरी छात्रावास (Missionary Hostel) में अनियमितता को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने आदिम जाति कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल को पत्र लिखा है। इस पत्र में NGO की जांच कराने का जिक्र किया गया है। साथ ही शासकीय राशि का दुरुपयोग करने की बात भी संज्ञान में लाई गई है। पत्र के माध्यम से बताया गया कि एक ही परिसर में NGO की ओर से 4 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इसके अलावा छात्रों से इसकी राशि भी वसूली जाती है। इन सभी विषयों पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने जांच की मांग की है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस मामले को लेकर कहा कि इन स्कूलों और छात्रावासों को अनुदान देने में जिस तरह से नियमों का उल्लंघन किया गया है, वह उच्च स्तर पर मिलीभगत के बिना संभव नहीं हो सकता है। वहीं अनुदान के रूप में शिष्यवृत्ति मिल रही है तो छात्र-छात्राओं से आवासीय फीस वसूलना भी गैरकानूनी है।
8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ की थी यौन शोषण की शिकायत
मध्यप्रदेश राज्य बाल आयोग (Madhya Pradesh State Child Commission) के निरीक्षण के दौरान जुनवानी स्थित मिशनरी की तरफ से संचालित अवैध चिल्ड्रन होम की 8 बच्चियों ने शिक्षकों के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। बच्चियों ने बताया कि उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है। उन्हें गंदी नजरों से टच कर घिनौनी हरकत की जाती है। ये बच्चियां डर की वजह से कहीं कोई शिकायत नहीं पाती थी, लेकिन मामला प्रकाश में आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बड़ा एक्शन लिया।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया और कार्रवाई नहीं होने की बात कही। तब पुलिस के आलाधिकारी हरकत में आए और आनन-फानन में प्रिंसिपल समेत 4 शिक्षकों के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया गया। इस मामले में प्रिंसिपल नान सिंह यादव और अतिथि शिक्षक सनी, संचालक सविता और खेम चंद सहित 4 लोगों खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस संस्था में 600 आदिवासी बच्ची रहती है।
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