25 साल पहले आज के दिन यानि 4 जून 1993 को ऐशेज सीरीज का चौथा टेस्ट मैच खेला जा रहा था. ओल्ड ट्रैफेट के मैदान में खेले जा रहे इस मुकाबले में वॉर्न ने धुरंधर अंग्रेज बल्लेबाज माइक गैटिंग को एक गेंद डाली. ये  बॉल लेग स्टंप के काफी बाहर डिलिवर हुई गैटिंग ने इस गेंद को छोड़ देना ही उचित समझा और वे बल्ला हवा में लेकर गेंद को जाने दिया लेकिन गेंद पिच होने के बाद इतनी तेजी से हरकत की और बलखाकर लगभग 90 डिग्री का एंगल बनाते हुए लेग और मिटिल स्टंप को छोड़ते हुए ऑफ स्टंप से जाकर टकराई. इस गेंद ने जिस तरह कांटा बदला उससे स्पिन गेंद को खेलने में माहिर माने जाने वाले गैंटिंग समेत कमेंट्री बॉक्स और दर्शक सभी हैरान रह गए. गैटिंग को तो ये लगा कि वो बोल्ड नहीं हुए बल्की विकेटकीपर ने गिल्ली बिखेरी है. लेकिन जब उन्हें क्लीन बोल्ड बताया गया तो वे भी स्पिन के इस जादूगर के कायल हो कर रह गए. विशेषज्ञों ने कई गेंदबाजों की बेस्ट डिलिवरी को जांचने के बाद एकसाथ इस राय पर पहुंचे की शेनवॉर्न द्वारा डाली गई ये गेंद ‘बॉल ऑफ सेंचुरी’ है. अब इस गेंद को इसी नाम से जाना जाता है.

जिंदगी का सबसे खास पल- शेनवॉर्न

शेन वॉर्न ने कहा, ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ बिलकुल वैसी ही गेंद थी, जो सभी लेग स्पिन गेंदबाज डालने की कोशिश करते हैं. इस गेंद ने मैदान के अंदर और बाहर की मेरी जिंदगी को बदल कर रख दिया. मुझे बहुत गर्व है कि मैंने गेंद ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ डाली थी. खासकर माइक गेटिंग जैसे बेहतरीन खिलाड़ी को जो इंग्लैंड की टीम में स्पिन गेंदबाजी का माहिर खिलाड़ी था. वॉर्न ने कहा, वो मेरी जिंदगी का सबसे खास पल था.

वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं. उन्होंने 145 टेस्ट मैच खेलकर 708 विकेट हासिल किए, वहीं उन्होंने 194 वनडे मैचों में 293 विकेट लिए.

देखिए वीडियो- [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=NsThkJt83Ok[/embedyt]