प्रदीप मालवीय, उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) स्थित चिमनगंज कृषि उपज मंडी (Chimanganj Agricultural Produce Market) को किसानों ने फसल का उचित दाम नहीं मिलने पर मंडी बंद करवा दी। वहीं अपनी मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। धरने की खबर पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों की मांग को लेकर चर्चा की। इस धरना प्रदर्शन में कांग्रेस के नेता भी मौजूद रहे।
किसान फसल बेचने उज्जैन कृषि उपज मंडी आए थे। इस बीच उन्हें शासन द्वारा निर्धारित एमएसपी रेट से भी कम कीमत में गेंहू बेचने को कहा गया। किसानों ने इस बात का विरोध करते हुए कृषि उपज मंडी बंद करवा दी और धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि शासन ने एमएसपी रेट 2125 रुपये तय किया है उससे कम कीमत पर फसल नहीं बेचेंगे। उन्होंने कहा कि व्यापारी हमारी फसल 1800 रुपये में खरीद रहे हैं, लेकिन हम अपनी फसल बेचने को तैयार नहीं है। मजबूर होकर हमें मंडी बंद करवाने का कदम उठाना पड़ा, क्योंकि हमें फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में हम अपनी फसल कैसे बेच सकते है। इस पूरे मामले में व्यापारियों का कहना है कि किसान अपनी खराब और नमी वाली फसल को एमएसपी रेट पर बेचना चाहते है।
कांग्रेस नेता राजेंद्र वशिष्ठ किसानों की लड़ाई में उनके साथ कूद पड़े। कांग्रेस नेता ने किसानों के साथ कृषि उपज मंडी कार्यालय के बाहर बैठकर धरना दिया और मंडी सचिव और एसडीएम कल्याणी पांडे से किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाएं जाने की मांग की। अधिकारियों से बातचीत के बाद भी समस्या का हल नहीं निकलने पर आक्रोशित किसानों ने चिमनगंज कृषि उपज मंडी के बाहर मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान सड़क पर जाम लग गया था।
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