अमृतांशी जोशी, भोपाल। उत्तरप्रदेश का ‘रामायण चौपाई विवाद’ एमपी पहुंच गया है। मध्यप्रदेश विधानसभा (MP Assembly) में रामचरितमानस की चौपाई को लेकर जमकर बवाल हुआ। दलित और महिलाओं पर अत्याचार को लेकर कांग्रेस विधायक (Congress MLA) विजयलक्ष्मी साधौ ने विधानसभा में रामचरितमानस की चौपाई का उदाहरण दिया। प्रश्नकाल की कार्रवाई महिला सदस्यों द्वारा संचालित किए जाने पर विजय लक्ष्मी साधौ ने तंज कसा है। बोली-यहां यत्र नारी पूज्यंते की बात हो रही है बाहर ढोर, गंवार, शूद्र, पशु नारी किया जा रहा है।
सदन में दिए गए बयान को लेकर विजय लक्ष्मी साधौ अड़िग है। कहा मैंने आखिर गलत क्या बोला है। प्रदेश की जो स्थिति है उसकी मैंने चौपाई में व्याख्या की है। उस वक़्त की परिस्थिति स्थिति में जो लिखा गया मैंने उस वक़्त वो बोला। प्रदेश में जो हो रहा है ग्रंथों में लिखा गया है। अपने हिसाब से BJP हर चीज की व्याख्या करती है। ढोर, गंवार, शूद्र, पशु और नारी। मैंने गलत क्या बोला है। पशुओं की हमने बात की, गायें सड़कों पर मर रही है, हाईवे पर मर रही है। शूद्र दलित की हमने बात कीस दलितों पर अत्याचार हो रहा है। हाल ही में जो 2 मामले हुए उसमें दो नारियों की हत्या हुई है जो आदिवासी और दलित थी। ये अपने हिसाब से तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं। जनता सब चीजों को समझती है।
16 शिक्षकों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर मंत्री इंद्र सिंह परमार का बयान सामने आया है। किस कारण से सेवानिवृति दी गई है, मुख्य वजह उसकी ये है कि सभी शिक्षकों की परीक्षा करवाई गई थी। उस परीक्षा में कई शिक्षक फेल हुए थे। फिर फेल शिक्षकों को दोबारा मौका दिया गया। उसमें भी 16 शिक्षक फेल हुए थे। आश्चर्य की बात ये थी की ये पूरी परीक्षा ओपन टेस्ट बुक के हिसाब से थी। हम बच्चों की परीक्षाएं बिना बुक देखे करवाते हैं लेकिन शिक्षक ही ओपन बुक टेस्ट में फेल हो जाएँ तो कहीं न कहीं ये चिंता वाली बात थी। इसलिए शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
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