कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। जो मजदूरों की मजदूरी खाएगा वह जीवन में कभी बड़ा नहीं बन पाएगा, भले ही दौलत का पहाड़ जोड़ ले. एक दिन बदुआओं के बोझ के तले दब जाएगा. ऐसा कहना है ग्वालियर के घाटीगाँव SDOP संतोष पटेल का, जिन्होंने मजदूरों के चेहरे पर उनकी मजदूरी दिला कर खुशी लौटा दी. मजदूरों ने भी अपनी मदद के बदले कुछ ऐसा किया, जिससे मजदूरों को SDOP ने धन्यवाद बोला.
दरअसल पूरा मामला ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र का है, जहां मोगिया समुदाय के मजदूर आगरा से मजदूरी कर वापस अपने घर लौटने घाटीगाँव रेलवे स्टेशन के पास एक पेड़ के नीचे बोरिया बिस्तर डाले बैठे थे. तभी वहां से गुजर रहे SDOP संतोष पटेल को देख मजदूरों ने आवाज लगाई. SDOP ने रुक कर उनकी परेशानी को जाना. मजदूरों ने बताया कि वह सभी आगरा मजदूरी के लिए 400 रुपये रोज पर गए थे. जिनकी मजदूरी के 60 हजार रुपये हो रहे थे, जबक़ि ठेकेदार 30 हजार रुपये दे रहा था. वह उनकी मजदूरी के रुपये नहीं दे रहा, जो उनके साथ सीधा अन्याय है.
मजदूरों की परेशनी सुनने और मायूस चेहरों को देख SDOP ने लोकल ठेकेदार के घर मोहना पुलिस को पहुंचाया. जिसके बाद आगरा के मुख्य ठेकेदार को जब पुलिसिया अंदाज में फोन पर कानून का पाठ पढ़ाया, तो मुख्य ठेकेदार ने मजदूरों को पूरी मजदूरी उन तक पहुंचाने का वादा किया. ऐसे में महज 3 घण्टे में 60 हजार का भुगतान आगरा से घाटीगाँव में मौजूद मजदूरों तक पहुंचा दिया गया.
दो मिनट में गुंडागर्दी भुला दूंगा तुम्हारी..: रतलाम कलेक्टर ने भू-माफिया को लगाई लताड़, VIDEO वायरल
मजदूरों ने भी पुलिस की इस मदद के बदले में पास की जमीन पर लगी गंदगी के ढेर को साफ करते हुए स्वच्छता का संदेश दिया. उस जगह को एक साफ जगह में बदल दिया. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर SDOP संतोष पटेल का कहना है कि बिना कोई धारा लगाये बिना कोई FIR के पीड़ित मजदूरों को मदद और न्याय मिल गया. जिससे मन को काफी सुकून मिल गया. क्योंकि वह मजदूरी उनका हक थी.
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक