बेंगलुरु. वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में अहम खुलासा हुआ है. FSL रिपोर्ट के मुताबिक, गौरी लंकेश की हत्या में उसी बंदूक का इस्तेमाल किया गया, जिससे कर्नाटक के ही लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या की गई थी. गौरी लंकेश हत्याकांड में गिरफ्तार मुख्य आरोपी टी नवीनकुमार के खिलाफ दाखिल चार्जशीट के साथ लगाई गई एफएसएल रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, गौरी लंकेश और एमएम कुलबुर्गी की हत्या में 7.65 एमएम के देसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस की यह विशेष टीम पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रही है. बेंगलुरू के एक कोर्ट में दाखिल किए गए चार्जशीट में यह दावा फॉरेंसिक रिपोर्ट के हवाले से किया गया है.
एमएम कलबुर्गी की हत्या 30 अगस्त 2015 को कर दी गई थी. कर्नाटक के धारवाड़ में कुछ अज्ञात लोगों ने उनके घर के सामने उन्हें गोली मार दी थी.
5 सितंबर 2017 को गौरी लंकेश की हत्या बेंगलुरु में उनके घर के सामने कुछ अज्ञात लोगों ने कर दी थी.
पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों को गौरी लंकेश के शरीर से तीन गोलियां मिली थीं जबकि हत्या की जगह पर उनके घर के दरवाज़े के ऊपर लगी एक गोली भी बरमाद की गई थी. फॉरेंसिक टीम ने कलबुर्गी की हत्या के बाद बरामद किए गए कारतूसों से इन कारतूसों का मिलान किया था.