हर्षराज गुप्ता, खरगोन। गरीबों का फ्री में इलाज हो, इसके लिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। लेकिन मध्य प्रदेश के निजी अस्पताल सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को पलीता लगा रहे हैं। आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी प्राइवेट अस्पताल मरीजों से इलाज के नाम पर वसूली कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला खरगोन से सामने आया है। जहां आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद मरीज से इलाज के नाम पर सांई समर्थ अस्पताल के संचालक ने वसूली की। मामला सीएम तक पहुंचने के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने जिला अस्पताल के दो बाबुओं को निलंबत कर दिया है।
यह मामला 2021 का है। 18 जून 2021 को घुघरियाखेड़ी के यशवंत कर्मा ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। जिसमें उसने बताया था कि वह अपनी पत्नी विद्या कर्मा को कोविड होने पर इलाज के लिए निजी अस्पताल सांई समर्थ लेकर पहुंचे थे। जहां सात दिनों तक भर्ती कर इलाज किया गया। कर्मा के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज के लिए एक लाख 21 हजार 821 रुपए लिए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मासिक समाधान ऑनलाइन माध्यम से शिकायतकर्ताओं को सुना गया, तो ये मामला भी प्रकाश में आया। सीएम के संज्ञान में आने पर अधिकारी भी हरकत में आए।
30 अगस्त 2022 को जिला अस्पताल प्रशासन ने जांच दल का गठन किया। जांच के बाद शिकायत सही पाई गई। मरीज के परिजनों से पैकेज के अतिरिक्त राशि वसूल करना पाया गया। इसके बाद सीएमएचओ डॉ. डीएस चौहान ने सांई समर्थ अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। वहीं कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने मामले में जिला अस्पताल के दो बाबुओं को निलंबत किया है, तो कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा द्वारा सीएमएचओ, मलेरिया अधिकारी डॉ. मनोज पाटीदार और प्रशासकीय अधिकारी जीएस सोलंकी को नोटिस जारी कर सात दिनों में जवाब मांगा है।
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वहीं बाबुओं का कहना है कि उन्हें कार्रवाई में बली का बकरा बनाया गया है। क्योंकि जिस समय का यह प्रकरण है, उस वक्त न तो उनके पास आयुष्मान विभाग का कोई जिम्मा था, ना ही शाखा का प्रभार।