शशि देवागंन,राजनांदगांव. कागज में भले ग्राम पंचायत और आश्रित गांवों को खुले में शौच से मुक्त यानी ओडीएफ घोषित कर दिया जाए. लेकिन धरातल की स्थिति ठीक इसके विपरीत है. अधिकारियों ने वाहवाही लूटने के लिए आनन-फानन में कुछ जगहों पर गुणवत्ता विहीन शौचालय बना कर कुछ ग्राम पंचायत व राजस्व गांवों को ओडीएफ घोषित कर दी है. ओडीएफ घोषित कर सरकार के हांथो पुरस्कार भी ले लिया. इसके बावजूद गांवों के लोग आज भी खुले में शौच करने के लिए विवश हैं.
स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर प्यारेलाल का जन्म स्थल
हम बात कर रहे है जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर बसा ग्राम पंचायत डूमरडीहकला के अश्रीत गांव सेमरा दैहान की. जिसकी आबादी लगभग 1000 के आसपास है. जबकि सरकार ने पूरे राजनांदगांव को ओडीएफ घोषित कर दिया है. ये वहीं गांव है जहां श्रमिक आंदोलन के सूत्रधार और सहकारिता आंदोलन के प्रणेता रहे ठाकुर प्यारेलाल का जन्म हुआ था. इस गांव में कहीं शौचालय में छप्पर नहीं, तो कहीं बांस की घेरा बनाकर छोड़ दिया गया है. तो कहीं शौचालय में शीट ही नहीं बैठाया गया है.
तस्वीरों में दिख रही सच्चाई
राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा इलाके के शौचालय की तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारियों ने जल्दबाजी में टारगेट पूरा करने के लिए जिले को कागजों में ओडीएफ घोषित कर दिया है. जिले के ग्राम पंचायत डुमरडीहकला, सेमरा दैहान, सुरुगी जैसे अन्य ग्राम पंचायतों के अधिकांश शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है. साथ ही कई शौचालय बिना गढ्ढे के कच्ची मिट्टी से निर्माण किया है. तो कहीं लोगों ने साडी का छत और घेरा बनाया है.
ग्रामीणों ने बयां किया दर्द
वहीं ग्रामीण मनहरण दास ने बताया कि उसने स्वयं के खर्च से शौचालय का निर्माण कराया है. उसने ये भी बताया कि अधिकारियों ने दबाव डालकर शौचालय बनवाया गया है. लेकिन अधूरा निर्माण की वजह से गांव वालों को शौच के लिए बाहर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि राशनकार्ड से नाम काटने की धमकी देकर और टारगेट पूरा करने की जल्दबाजी में शौचालय निर्माण की गुणवत्ता जांच किए बिना अधिकारी और ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव द्वारा निर्माण करवा दिया गया. वहीं अपने बकरियों को बेच कर शौचालय बनवाया है.
सरकार को भेजी गई झूठी रिपोर्ट
जिला पंचायत सदस्य क्रांति बंजारे ने भाजपा सरकार को निशाना साधते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव को स्वच्छ बनाने के लिए भले जिले में करोडों से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है इसके बावजूद भी गांव के लोग खुले में शौच कर रहे हैं. वहीं उन्होंने दैहान गांव का जायजा लिया तो अधिकारियों द्वारा सरकार को भेजी गई झूठी रिपोर्ट का सच सामने आया.
कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय की लेंगे शरण
वहीं जिला प्रशासन का कहना है की इस मामले की जांच करवा कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. यदि प्रसाशन यहां के शौचालय की गड़बड़ी मामले को लेकर गंभीर नहीं हुई तो जल्द ही अधिकारियो के विरुद्ध कार्यवाही के लिए न्यायालय की शरण में जाएंगे.